{1}
बदली में छुपते फिरे, सावन मास मयंक।
दर्शन को मचले धरा, गगन समेटे अंक ।
गगन समेटे अंक , बहुत ही लाड-लड़ाये।
भादो बरसे मेघ, कौन अब तुम्हें छुपाये।
कहे धरा मुस्काय, शरद में मत छुप जाना।
व्रती निहारे चाँद, प्रेमरस तुम बरसाना ।।
{2}
नवराते में गूँजते, माँ के भजन संगीत ।
जयकारे करते सभी, माँ से जिनको प्रीत।
माँ से जिनको प्रीत, व्रती रह पूजन करते।
पा माँ का आशीष, कष्ट जीवन के हरते।
कहे सुधा करजोरि, करो माँ के जगराते।
हो जीवन भयमुक्त, सफल जिनके नवराते।
व्रती -- उपवासी
20 टिप्पणियां:
वाह ! नवरात्रि व्रत को सार्थक करती सुंदर भावभरी कुंडलियाँ, नवरात्रि के पवन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई सुधा जी 💐💐
तहेदिल से धन्यवाद जिज्ञासा जी!
आपको भी नवरात्रि पर्व की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
नवरात्रि की बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, सुधा दी।
उत्तमभाव
जय हो, सबको शुभकामनायें।
हार्दिक धन्यवाद ज्योति जी!
नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं आपको।
तहेदिल से धन्यवाद आदरणीय कैलाश जी!
ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
तहेदिल से धन्यवाद आ.यशोदा जी मेरी रचना को मंच प्रदान करने हेतु।
सादर आभार।
आपको भी नवरात्रि पर्व की अनंत शुभकामनाएं आ. प्रवीण जी!
सादर आभार।
तहेदिल से धन्यवाद आ.आलोक जी !
नवरात्रि पर्व की अनंत शुभकामनाएं आपको।
बदली में छुपते फिरे, सावन मास मयंक।
दर्शन को मचले धरा, गगन समेटे अंक ।
गगन समेटे अंक , बहुत ही लाड-लड़ाये।
भादो बरसे मेघ, कौन अब तुम्हें छुपाये।
कहे धरा मुस्काय, शरद में मत छुप जाना।
व्रती निहारे चाँद, प्रेमरस तुम बरसा
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ✨✨😍
नवरात्रि पर बहुत ही सुंदर शब्द भाव।
तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार प्रिय मनीषा जी!
हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार आ.पम्मी जी!
अति उत्तम सृजन आ0
नवराते में गूँजते, माँ के भजन संगीत ।
जयकारे करते सभी, माँ से जिनको प्रीत।
नवरात्रि का संदेश देती सुंदर पंक्तियां!--ब्रजेंद्रनाथ
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार अनीता जी!
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आदरणीय!
ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
बहुत बहुत सुन्दर रचना
अत्यंत आभार एवं धन्यवाद संजय जी!
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