बसंत तेरे आगमन पर
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बसंत तेरे आगमन पर खिलखिलाई ये धरा भी इक नजर देखा गगन ने तो लजाई ये धरा भी कुहासे की कैद से अब मुक्त रवि हर्षित हुआ रश्मियों से जब मिला तो मुस्कराई ये धरा भी बसंत तेरे आगमन पर खिलखिलाई ये धरा भी नभ निरभ्र आज ज्यों उत्सव कोई मना रहा शशि सितारों संग निशा की बारात लेके आ रहा शशि निशा की टकटकी पर फुसफुसाई ये धरा भी बसंत तेरे आगमन पर खिलखिलाई ये धरा भी अधखिली सी कुमुदिनी पे भ्रमर जब मंडरा रहा पास आकर बड़ी अदा से मधुर गुनगुना रहा दूर जाये जब भ्रमर तो तिलमिलाई ये धरा भी बसंत तेरे आगमन पर खिलखिलाई ये धरा भी इक नजर देखा गगन ने तो लजाई ये धरा भी चित्र साभार गूगल से पढ़िए बसंत ऋतु पर एक गीत बसंत की पदचाप