रविवार, 13 नवंबर 2022

गई शरद आया हेमंत


Winter morning

गई शरद आया हेमंत ,

हुआ गुलाबी दिग दिगंत ।

अलसाई सी लोहित भोर,

नीरवता पसरी चहुँ ओर ।


व्योम उतरता कोहरा बन,

धरा संग जैसे आलिंगन ।

तुहिन कण मोती से बिखरे,

पल्लव पुष्प धुले निखरे ।


उजली छिटकी गुनगुनी धूप,

प्रकृति रचती नित नवल रूप ।

हरियाये सुन्दर सब्ज बाग,

पालक बथुआ सरसों के साग ।


कार्तिक,अगहन व पूस मास,

पंछी असंख्य उतरे प्रवास ।

 हुलसित सुरभित यह ऋतु हेमंत

आगत शिशिर, स्वागत वसंत ।।


गणपति वंदना

  जय जय जय गणराज गजानन गौरी सुत , शंकर नंदन । प्रथम पूज्य तुम मंगलकारी करते हम करबद्ध वंदन । मूस सवारी गजमुखधारी मस्तक सोहे रोली चंदन । भावस...