पराया धन - बेटी या बेटा
चित्र, साभार pixabay से "अनुज सुन ! वो...पापा...पापा को हार्टअटैक आया है। भाई ! हम बहुत परेशान हैं माँ का रो - रोकर बुरा हाल है , ...हैलो ! हैलो ! अनुज तू सुन तो रहा है न" ? सिसकते हुए अनु ने पूछा तो उधर से निधि (अनुज की पत्नी) बोली, "दीदी मैं सुन रही हूँ अनुज तो बाथरूम में हैं मैं बताती हूँ उन्हें"। "निधि तुम दोनों आ जाओ न । ऐसे वक्त में हमें तुम्हारी बहुत जरूरत है। प्लीज निधि ! अनुज को फोन करने को कहना ! ओके" ! कहकर अनु जल्दी से फोन रख दवाइयों का लिफाफा लेकर भागी। अनु कभी माँ को संभालती तो कभी दवाइयाँ वगैरह के लिए भागदौड़ करती फिर भी बार-बार मोबाइल स्क्रीन चैक करती कि कहीं अनुज की कॉल मिस न हो जाय । सुबह से शाम ढ़ल गयी पर अनुज का फोन नहीं आया तो अनु को लगा कि शायद सीधे आ रहे होंगे दोनों । इसलिए कॉल नहीं किया होगा। पापा की हालत जानकर परेशान हो गये होंगे बेचारे । माँ ने पूछा तो बता दिया कि निधि को बताया है शायद निकल पड़े होंगे इसीलिए फोन नहीं कर पाये होंगे। और माँ भी बेटे की बाट जोहने लगी। ऑपरेशन सफल रहा अब वे खतरे से बाहर हैं सुनकर माँ