पत्नी अगर अर्धांगिनी
सम्मान आधा क्यों.....?
जिस बिन अधूरा श्याम जप
चरणों में राधा क्यों.....?
जग दे तुम्हें सम्मान प्रभु ने
क्या न कर डाला.....
जप में श्याम से पूर्व राधे
नाम रख डाला....
पनिहारिन बने मिलते वे
मटकी फोड़ कहलाये....
रचने रास राधे संग जमुना
तीर वो आये.....
फिर हर कलाकृति में यहाँ
हैं श्याम ज्यादा क्यों.....?
जिस बिन अधूरा श्याम जप
चरणों में राधा क्यों....?
वामांगी है पत्नी सर्वदा सम्मान,
सम स्थान दें.......
कदमों में होंगी जन्नतें यदि
मूल-मंत्र ये मान लें....
तस्वीर यदि बदलें स्वयं श्रीहरि
भी ये ही चाहेंगे.....
राधा सहित यूँ श्रीकृष्ण फिर से
इस धरा में आयेंगे
सम्मान देंगे नारी को न करते
तुम ये वादा क्यों.....?
जिस बिन अधूरा श्याम जप
चरणों में राधा क्यों.....?
पत्नी अगर अर्धांगिनी
सम्मान आधा क्यों.....?
जिस बिन अधूरा श्याम जप
चरणों में राधा क्यों....?
चित्र; साभार व्हाट्सएप से