खोये प्यार की यादें......
![चित्र](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjh0ggW4QcLM5KB4Lz8ib92UmuridspNqOo1lU_eifvEjgTJEDK7ClkitkIAgQUpiCwECy4x3SW586MU3PnKF6oSLqrn2ct6uQij99_yceeHEIluUq4j6l1OJ68occnxkwH4AuDSi0t87dc/w200-h117/08-35-50-42AWoRKJ8DUyzt4CV4XHmOY_3JsUi4RNjI06jpTJk70UrAFns7uYpQCK9J4_O2BxarOPkXvxQZYgSBTDtw%253Ds296.jpg)
वो ऐसा था/वो ऐसी थी यही दिल हर पल कहता है, गुजरती है उमर, यादों में खोया प्यार रहता है......... भुलाये भूलते कब हैं वो यादें वो मुलाकातें, भरे परिवार में अक्सर अकेलापन ही खलता है । कभी तारों से बातें कर कभी चंदा को देखें वो, कभी गुमसुम अंधेरे में खुद ही खुद को समेटें वो । नया संगी नयी खुशियाँ कहाँ स्वीकार करते हैं, उन्हीं कमियों में उलझे ये तो बस तकरार करते हैं । कहाँ जीते हैं ये दिल से, ये घर नाबाद रहता है, गुजरती है उमर यादोंं में खोया प्यार रहता है.......... साथी हो सगुण फिर भी इन्हेंं कमियां ही दिखती हैं, जो पीछे देख चलते हैं, उन्हेंं ठोकर ही मिलती हैं.। कशमकश में रहे साथी, कमीं क्या रह गयी मुझमें समर्पित है जिन्हेंं जीवन,वही खुश क्यों नहीं मुझमें । करीब आयेंगे ये दिल से, यही इन्तजार रहता है, गुजरती है उमर यादों में खोया प्यार रहता है.......। बड़े जिनकी वजह से दूर हो जीना इन्हेंं पडता, नहीं सम्मान और आदर उन्हें इनसे कभी मिलता.। खुशी इनकी इन्हें देकर बड़प्पन खुद निभाते हैं, वही ताउम्र छोटों से उचित सम्मान पाते हैं .। दिल से दिल मिल जाएंं जो