रविवार, 30 अप्रैल 2017

खोये प्यार की यादें......

road towards blur (lost memories)


वो ऐसा था/वो ऐसी थी यही दिल हर पल कहता है,
गुजरती है उमर, यादों में खोया प्यार रहता है.........

भुलाये भूलते कब हैं वो यादें वो मुलाकातें,
भरे परिवार में अक्सर अकेलापन ही खलता है ।

कभी तारों से बातें कर कभी चंदा को देखें वो,
कभी गुमसुम अंधेरे में खुद ही खुद को समेटें वो ।

नया संगी नयी खुशियाँ कहाँ स्वीकार करते हैं,
उन्हीं कमियों में उलझे ये तो बस तकरार करते हैं ।

कहाँ जीते हैं ये दिल से, ये घर नाबाद रहता है,
गुजरती है उमर यादोंं में खोया प्यार रहता है..........

साथी हो सगुण फिर भी इन्हेंं कमियां ही दिखती हैं,
जो पीछे देख चलते हैं, उन्हेंं ठोकर ही मिलती हैं.।

कशमकश में रहे साथी, कमीं क्या रह गयी मुझमें
समर्पित है जिन्हेंं जीवन,वही खुश क्यों नहीं मुझमें ।

करीब आयेंगे ये दिल से, यही इन्तजार रहता है,
गुजरती है उमर यादों में खोया प्यार रहता है.......।

बड़े जिनकी वजह से दूर हो जीना इन्हेंं पडता,
नहीं सम्मान और आदर उन्हें इनसे कभी मिलता.।

खुशी इनकी इन्हें देकर बड़प्पन खुद निभाते हैं,
वही ताउम्र  छोटों  से  उचित  सम्मान पाते हैं .।

दिल से दिल मिल जाएंं जो वो घर आबाद रहता है,
गुजरती है उम्र खुशियों में, प्यारा सा घर संसार रहता है....

बुधवार, 5 अप्रैल 2017

शुक्रिया प्रभु का.......




join hands and pray


हम चलें एक कदम
फिर कदम दर कदम
यूँ कदम से कदम हम
फिर बढाते चले ।
जिन्दगी राह सी,और
चलना ही अगर मंजिल
नयी उम्मीद मन में जगाते रहें।
खुशियाँ मिले या गम
हम चले, हर कदम
शुकराने तेरे मन में गाते रहें।


डर भी है लाजिमी, इन राहों पर,
कहीं खाई है, तो कभी तूफान हैं ।
कभी राही मिले जाने-अनजाने से,
कहीं राहें बहुत ही सुनसान हैं ।
आशा उम्मीद के संग हो थोड़ा सब्र
साहस देना तो उसकी पहचान है ।
मन मेंं हर पल करे जो
शुकराना तेरा
मंजिलें पास लाना तेरा काम है ।
ये दुनिया तेरी, जिन्दगानी तेरी,
बस यूँ जीना सिखाना तेरा काम है ।

कभी चिलमिलाती उमस का कहर,
कभी शीत जीवन सिकुडाती सी है ।
कभी रात काली अमावश बनी,
कभी चाँद पूनम दे जाती जो है ।
न हो कोई शिकवा ,न कोई गिला
बस तेरे गुण ही यूँ गुनगुनाते रहें,
जीवन दर्शन जो दिया तूने,
शुकराने तेरे मन में गाते रहें ।
नयी उम्मीद मन में जगाते रहें ।

मरे बिना स्वर्ग ना मिलना

 कंधे में लटके थैले को खेत की मेंड मे रख साड़ी के पल्लू को कमर में लपेट उसी में दरांती ठूँस बड़े जतन से उस बूढ़े नीम में चढ़कर उसकी अधसूखी टहनिय...