रविवार, 15 दिसंबर 2019

ब्लॉग से मुलाकात..बहुत दिनों बाद

Marigold



मेरे ब्लॉग ! देखो मैं आ गयी !
थोड़े समय के लिए ही सही 
मन में खुशियाँ छा गयी !

जानते हो तुमसे मिलने को 
क्या कुछ नहीं किया मैंने !
और तो और छोटों से किया
वादा ही तोड़ दिया मैंंने !

पर ये क्या ! ऐसे क्यों उदास बैठे हो !
जरा उत्साहित भी नहीं,
ज्यों गुस्सा होकर ऐंठे हो !

अब तुमसे क्या बताना या छुपाना 
तुम भी तो जानते हो न,
मोबाइल, कम्प्यूटर ठीक नहीं
सेहत के लिए
ये तुम भी तो मानते हो न !!!

परन्तु तुम तक आने का माध्यम
सिर्फ इंटरनेट है...
उसी से हो तुम,और तुम्हारा सबकुछ
कम्प्यूटर में सैट है ।

हम भी नहीं मिलेंगे तुमसे
जब ये वादा करते हैं
तभी अपने छोटों को 
कम्प्यूटर वगैरह से दूर रखते हैं।

रेडिएशन के नुकसान अगर 
उनसे कह देते हैं
"आप क्यों" कहकर वे तो
हमें ही चुप कर देते हैं।

हाँ दुख होता है कि अपना तो
जमाना ही नहीं आया
छोटे थे तो बड़ों से डरे,
अब बड़े हैं तो
छोटों ने हमें डराया !!!

खैर ! उनकी सलामती के लिए
डर कर ही रह लेते हैं
हम अपने छोटों के खातिर मेरे ब्लॉग !
तुमसे दूरियाँ सह लेते हैं...








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