1.
जेष्ठ मध्याह्न~
नल पे बैठ काग
पीता सलिल
2.
रसोईघर~
फूलगोभी के मध्य
भुजंग शिशु
3.
धान रोपाई~
चहबच्चा में तैरे
मृत बालक
4.
शरद भोर~
चूनर ओढे़ बालक
कन्या पंक्ति में
5.
श्वान चीत्कार~
सड़क पे बिखरा
रुधिर माँस
6.
शरद भोर~
बादलों में निर्मित
बिल्ली छवि
एक नयी सोच जब मन में आने लगी................ भावना गीत बन गुनगुनाने लगी......................
जीवन की धारा के बीचों-बीच बहते चले गये । कभी किनारे की चाहना ही न की । बतेरे किनारे भाये नजरों को , लुभाए भी मन को , पर रुके नहीं कहीं, ब...
41 टिप्पणियां:
वाह!सुधा जी ,बहुत सुंदर हायकु सृजन ।
बेहतरीन और लाजवाब हाइकु सुधा जी!
वाह!लाजवाब हाइकु दी।
सभी सराहनीय
शरद भोर~
बादलों के ऊपर
बैठी बिल्ली..वाह!
बहुत ही सुंदर हायकू, सुधा दी।
आत्मीय आभार शुभा जी!
सहृदय धन्यवाद मीना जी!
हार्दिक आभार अनीता जी!
हार्दिक धन्यवाद ज्योति जी!
बहुत सुंदर हाइकु
अत्यंत आभार सखी!
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" गुरुवार 26 नवंबर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आत्मिक आभार एवं धन्यवाद,आ.यशोदा जी! मेरी रचना को ब्लॉग "पाँच लिंको का आनंद में साझा करने हेतु...।
वाह!
बेहतरीन।
वाह ! क्या बात है
शरद भोर~
बादलों के ऊपर
बैठी बिल्ली
वाह! सुंदर अभिव्यक्ति
बेहतरीन हायकू
सुन्दर सृजन - नमन सह।
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आ.जोशी जी!
जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२८-११-२०२०) को 'दर्पण दर्शन'(चर्चा अंक- ३८९९ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
हार्दिक धन्यवाद आ. विश्वमोहन जी!
हार्दिक आभार शिवम जी!
आत्मिक आभार एवं धन्यवाद आ.सर!
हृदयतल से आभार सधु जी!
हार्दिक आभार एवं धन्यवाद सर!
तहेदिल से धन्यवाद सर!
हार्दिक धन्यवाद अनीता जी मेरी रचना को चर्चा मंच पर साझा करने हेतु।
बिंब समीपता सुन्दर बन पड़ा है । बहुत सुंदर ।
बहुत सुन्दर। बहुत खूब। आपको बधाई। सादर।
लाजवाब अभिव्यक्ति...
सुंदर हायकू...
सहृदय आभार आ.अमृता जी!
हार्दिक धन्यवाद आ.विरेन्द्र जी!
अत्यंत आभार आ. शरद सिंह जी!
शरद भोर~
बादलों के ऊपर
बैठी बिल्ली
ये विशेष अच्छा लगा। वैसे सारे हायकू अच्छे हैं।
बहुत सुंदर सृजन सुधा जी ।
सुंदर हाइकु,प्रकृतिक बिंबों के साथ।
अत्यंत आभार एवं धन्यवाद, सखी!
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आ.कुसुम जी!
बेहतरीन कविताएं
अत्यंत आभार एवं धन्यवाद आ.वर्षा जी!
बहुत ही सुन्दर हैं सभी हाइकू ...
कुछ शब्दों में दूर की गहरी बात समेट ली है आपने ... बहुत सुन्दर ...
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