मंगलवार, 24 नवंबर 2020

हायकु

crow drinking water from tap

1.

जेष्ठ मध्याह्न~

नल पे बैठ काग

पीता सलिल


2.

रसोईघर~

फूलगोभी के मध्य

भुजंग शिशु


3.

धान रोपाई~

चहबच्चा में तैरे

मृत बालक

4.

शरद भोर~

चूनर ओढे़ बालक

कन्या पंक्ति में


5.

श्वान चीत्कार~

सड़क पे बिखरा

रुधिर माँस


6.

शरद भोर~

बादलों में निर्मित

बिल्ली छवि







41 टिप्‍पणियां:

शुभा ने कहा…

वाह!सुधा जी ,बहुत सुंदर हायकु सृजन ।

Meena Bhardwaj ने कहा…

बेहतरीन और लाजवाब हाइकु सुधा जी!

अनीता सैनी ने कहा…

वाह!लाजवाब हाइकु दी।
सभी सराहनीय

शरद भोर~

बादलों के ऊपर

बैठी बिल्ली..वाह!

Jyoti Dehliwal ने कहा…

बहुत ही सुंदर हायकू, सुधा दी।

Sudha Devrani ने कहा…

आत्मीय आभार शुभा जी!

Sudha Devrani ने कहा…

सहृदय धन्यवाद मीना जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक आभार अनीता जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद ज्योति जी!

Anuradha chauhan ने कहा…

बहुत सुंदर हाइकु

Sudha Devrani ने कहा…

अत्यंत आभार सखी!

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" गुरुवार 26 नवंबर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

Sudha Devrani ने कहा…

आत्मिक आभार एवं धन्यवाद,आ.यशोदा जी! मेरी रचना को ब्लॉग "पाँच लिंको का आनंद में साझा करने हेतु...।

विश्वमोहन ने कहा…

वाह!

शिवम कुमार पाण्डेय ने कहा…

बेहतरीन।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

वाह ! क्या बात है

सधु चन्द्र ने कहा…

शरद भोर~

बादलों के ऊपर

बैठी बिल्ली

वाह! सुंदर अभिव्यक्ति

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बेहतरीन हायकू

Shantanu Sanyal शांतनु सान्याल ने कहा…

सुन्दर सृजन - नमन सह।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आ.जोशी जी!

अनीता सैनी ने कहा…

जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२८-११-२०२०) को 'दर्पण दर्शन'(चर्चा अंक- ३८९९ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद आ. विश्वमोहन जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक आभार शिवम जी!

Sudha Devrani ने कहा…

आत्मिक आभार एवं धन्यवाद आ.सर!

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से आभार सधु जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक आभार एवं धन्यवाद सर!

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद सर!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद अनीता जी मेरी रचना को चर्चा मंच पर साझा करने हेतु।

Amrita Tanmay ने कहा…

बिंब समीपता सुन्दर बन पड़ा है । बहुत सुंदर ।

Vocal Baba ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Vocal Baba ने कहा…

बहुत सुन्दर। बहुत खूब। आपको बधाई। सादर।

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

लाजवाब अभिव्यक्ति...
सुंदर हायकू...

Sudha Devrani ने कहा…

सहृदय आभार आ.अमृता जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद आ.विरेन्द्र जी!

Sudha Devrani ने कहा…

अत्यंत आभार आ. शरद सिंह जी!

Meena sharma ने कहा…

शरद भोर~

बादलों के ऊपर

बैठी बिल्ली
ये विशेष अच्छा लगा। वैसे सारे हायकू अच्छे हैं।

मन की वीणा ने कहा…

बहुत सुंदर सृजन सुधा जी ।
सुंदर हाइकु,प्रकृतिक बिंबों के साथ।

Sudha Devrani ने कहा…

अत्यंत आभार एवं धन्यवाद, सखी!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आ.कुसुम जी!

Dr Varsha Singh ने कहा…

बेहतरीन कविताएं

Sudha Devrani ने कहा…

अत्यंत आभार एवं धन्यवाद आ.वर्षा जी!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत ही सुन्दर हैं सभी हाइकू ...
कुछ शब्दों में दूर की गहरी बात समेट ली है आपने ... बहुत सुन्दर ...

हो सके तो समभाव रहें

जीवन की धारा के बीचों-बीच बहते चले गये ।  कभी किनारे की चाहना ही न की ।  बतेरे किनारे भाये नजरों को , लुभाए भी मन को ,  पर रुके नहीं कहीं, ब...