करते रहो प्रयास (दोहे)

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1. करते करते ही सदा, होता है अभ्यास ।     नित नूतन संकल्प से, करते रहो प्रयास।। 2. मन से कभी न हारना, करते रहो प्रयास ।   सपने होंगे पूर्ण सब, रखना मन में आस ।। 3. ठोकर से डरना नहीं, गिरकर उठते वीर ।   करते रहो प्रयास नित, रखना मन मे धीर ।। 4. पथबाधा को देखकर, होना नहीं उदास ।    सच्ची निष्ठा से सदा, करते रहो प्रयास ।। 5. प्रभु सुमिरन करके सदा, करते रहो प्रयास ।    सच्चे मन कोशिश करो, मंजिल आती पास ।। हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर उत्तराखंड में मधुमास (दोहे)

भ्रात की सजी कलाई (रोला छंद)


Raksha bandhan

सावन पावन मास , बहन है पीहर आई ।

राखी लाई साथ, भ्रात की सजी कलाई ।।

टीका करती भाल, मधुर मिष्ठान खिलाती ।

देकर शुभ आशीष, बहन अतिशय हर्षाती ।।


सावन का त्यौहार, बहन राखी ले आयी ।

अति पावन यह रीत, नेह से खूब निभाई ।।

तिलक लगाकर माथ, मधुर मिष्ठान्न खिलाया ।

दिया प्रेम उपहार , भ्रात का मन हर्षाया ।।


राखी का त्योहार, बहन है राह ताकती ।

थाल सजाकर आज, मुदित मन द्वार झाँकती ।।

आया भाई द्वार, बहन अतिशय हर्षायी ।

 बाँधी रेशम डोर, भ्रात की सजी कलाई ।।




सादर अभिनंदन आपका 🙏

पढ़िए राखी पर मेरी एक और रचना निम्न लिंक पर

टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही सुन्दर सामयिक छंद हैं ... राखी की बहुत बहुत बधाई ..

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    1. हार्दिक आभार एवं धन्यवाद नासवा जी ! आपको भी राखी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।

      हटाएं
  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 11 अगस्त 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हार्दिक आभार एवं धन्यवाद सखी ! "मेरी रचना पाँच लिंकों के आनंद" मंच के लिए चयन करने हेतु ।

      हटाएं
  3. हार्दिक आभार एवं धन्यवाद प्रिया जी !

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  4. बहुत ही सुन्दर रचना, सुधा दी।

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  5. बहुत सुन्दर भावपूर्ण भावाभिव्यक्ति । अति सुन्दर रोला छन्द सृजन ।

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