करते रहो प्रयास (दोहे)
1. करते करते ही सदा, होता है अभ्यास । नित नूतन संकल्प से, करते रहो प्रयास।। 2. मन से कभी न हारना, करते रहो प्रयास । सपने होंगे पूर्ण सब, रखना मन में आस ।। 3. ठोकर से डरना नहीं, गिरकर उठते वीर । करते रहो प्रयास नित, रखना मन मे धीर ।। 4. पथबाधा को देखकर, होना नहीं उदास । सच्ची निष्ठा से सदा, करते रहो प्रयास ।। 5. प्रभु सुमिरन करके सदा, करते रहो प्रयास । सच्चे मन कोशिश करो, मंजिल आती पास ।। हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर उत्तराखंड में मधुमास (दोहे)

बहुत ही सुन्दर सामयिक छंद हैं ... राखी की बहुत बहुत बधाई ..
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार एवं धन्यवाद नासवा जी ! आपको भी राखी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 11 अगस्त 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार एवं धन्यवाद सखी ! "मेरी रचना पाँच लिंकों के आनंद" मंच के लिए चयन करने हेतु ।
हटाएंबहुत ही सुंदर छंद बंध
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार एवं धन्यवाद प्रिया जी !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन छंद
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार एवं धन्यवाद हरीश जी !
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार एवं धन्यवाद जोशी जी !
हटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार मनोज जी !
हटाएंबहुत ही सुन्दर रचना, सुधा दी।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार ज्योति जी !
हटाएंबहुत सुन्दर भावपूर्ण भावाभिव्यक्ति । अति सुन्दर रोला छन्द सृजन ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार मीना जी !
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