क्या धरती पर ही पली हो माँ !?
या देवलोक की देवी हो,
करने आई हम पर उपकार।
माँ ! तुम्हें नमन है बारम्बार!
सागर सी गहराई तुममें,
आसमान से ऊँची हो।.
नारी की सही परिभाषा हो माँ !
सद्गुणों की पूँजी हो।
जीवन बदला, दुनिया बदली,
हर परिवर्तन स्वीकार किया।
हर हाल में धैर्य औऱ साहस से,
निज जीवन का सत्कार किया।।
सारे दुख-सुख दिल में रखकर,
तुम वर्तमान में जीती हो...
खुशियां हम सब को देकर के माँ !
खुद चुपके से गम पीती हो।
अच्छा हो या बुरा हो कोई,
माँ ! तुम सबको अपनाती हो।
दया और क्षमा देकर तुम,
सहिष्णुता सिखलाती हो।।
जब छोटे थे मातृत्व भरी,
ममता से सींचा हमको।
जब बडे़ हुए तो दोस्त बनी, माँ !
पग-पग का साथ दिया हमको।।
फिर पापा बन मुश्किल राहों में,
चलना हमको सिखलाया।
जब घर लौटे तो गृहस्थी का भी,
पाठ तुम्हीं ने बतलाया।।
थके हारे जब हम जीवन में,
आशा का दीप जलाया तुमने।
प्रकाशित कर जीवन की राहें,
जीने का ज़ोश जगाया तुमने।।
प्रेरणा हो तुम,प्रभु का वर हो।
किन पुण्यों कि फल हो माँ !
जीवन अलंकृत करने वाली,
शक्ति एक अटल हो माँ ! ।
आदरणीय हो,पूज्यनीय हो।
तुम सरस्वती ,लक्ष्मी हो माँ !
मेरे मन-मन्दिर में बसने वाली
तुम सचमुच देवी हो माँ !
38 टिप्पणियां:
बहुत ही शानदार सुधा जी भावों का अनमोल तोहफा।
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
आदरणीया सुधा देवरानी जी, मातृदिवस की शुभकामनाओं सहित इस बेहतरीन लेखन हेतु बधाई स्वीकारें ।
बहुत ही शानदार रचना प्रिय सखी 👌
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आप को
सादर
वाह
मातृत्व को अभिव्यक्त करती सशक्त रचना
🙏🙏🙏
मातृदिवस की शुभकामनाएं सुधा जी मातृत्व पर सशक्त रचना
माँ,दुनिया के लिए तुम महज एक शख्स हो सकती हो,किन्तु एक शख्स के लिए पूरी दुनिया।
आपका लेखन अद्भुत है शायद ही कोई ब्यक्ति हो जो इसको पढ़कर माँ के साथ अपनी जीवन यात्रा को इससे सम्बद्ध न करे।
अंत में यही उदगार मैं भी व्यक्त करता हूँ
आदरणीय हो,पूज्यनीय हो।
तुम सरस्वती ,लक्ष्मी हो माँ !
मेरे मन-मन्दिर में बसने वाली
तुम सचमुच देवी हो माँ !!
भावों को उद्वेलित करने वाली बेहतरीन रचना
अति भावपूर्ण, मन स्पर्श करती सराहनीय सृजन सुधा जी।
शब्द-शब्द स्नेह और सम्मान से पगे हुये है।
ममता की ऐसे परिभाषित एक माँ ही कर सकती है।
ठूँठ हो या बंज़र नेह की हरियाली माँ ही भर सकती है।
वाह बहुत ही सुंदर भावों से सजी बेहतरीन रचना
बहुत ही सुंदर मनोभाव प्रगट करती बहुत ही सुंदर रचना,सुधा दी। वास्तव में बहुत सुंदर।
बहुत बहुत धन्यवाद सखी !
सस्नेह आभार...
आपको भी मातृदिवस की शुभकामनाएं।
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार पुरुषोत्तम जी
आपको भी अनन्त शुभकामनाएं...
सस्नेह आभार एवं धन्यवाद सखी !
आपको भी मातृदिवस की शुभकामनाएं।
हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार रविन्द्रजी!
आपको भी अनन्त शुभकामनाएं रितु जी
सस्नेह आभार एवं धन्यवाद....।
सस्नेह आभार भाई!
हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार सखी !
बहुत बहुत धन्यवाद श्वेता जी !
आपकी प्रतिक्रिया हमेशा उत्साह द्विगुणित करती है....सस्नेह आभार आपका ।
हृदयतल से आभार एवं धन्यवाद सखी !
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ज्योति जी !
बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति 👏 👏 👏
आभारी हूँ सुधा जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका...
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 20 सितम्बर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी! मेरी रचना साझा करने हेतु।
अत्यंत आभार आ. जोशी जी!
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना रविवार ८ मई २०२२ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
अत्यंत भावपूर्ण रचना!!!
सुधा जी, माँ की ह्रदयस्पर्शी आराधना ।
माँ के प्रति सुंदर भाव लिए एक खूबसूरत रचना ।
सहृदय धन्यवाद एवं आभार प्रिय श्वेता जी !
मेरी रचना को मंच प्रदान करने हेतु ।
सादर धन्यवाद एवं आभार आ. विश्वमोहन जी !
हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार नुपुरं जी !
तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार आ. संगीता जी !
माँ की महिमा का सार्थक चित्रण नमन लेखनी को
प्रिय सुधा जी,माँ को समर्पिर बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए बहुत -बहुत बधाई और शुभकामनाएं आपको।माँ की महिमा अकथनीय है।उसका त्याग और समर्पण निश्चित रूप से शब्दों में कदापि नहीं समा सकता।फिर भी आपने बहुत ही सुन्दर शब्दों में बाँधा है माँ के प्रति अपने स्नेह को।दुआ है सबके ऊपर ये छाँव सदा बनी रहे।
मातृ दिवस की बधाई और शुभकामनाएं।
सादर आभार एवं धन्यवाद आ. कैलाश जी!
जी, रेणु जी !भगवान करे सबके ऊपर माँ की छाँव बनी रहे...तहेदिल से आभार एवं धन्यवाद आपका ।
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