धन्य-धन्य कोदंड (कुण्डलिया छंद)
💐विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं💐
पुरुषोत्तम श्रीराम का, धनुष हुआ कोदंड ।
शर निकले जब चाप से, करते रोर प्रचंड ।।
करते रोर प्रचंड, शत्रुदल थर थर काँपे।
सुनकर के टंकार, विकल हो बल को भाँपे ।।
कहे सुधा कर जोरि, कर्म निष्काम नरोत्तम ।
सर्वशक्तिमय राम, मर्यादा पुरुषोत्तम ।।
अति गर्वित कोदंड है, सज काँधे श्रीराम ।
हुआ अलौकिक बाँस भी, करता शत्रु तमाम ।।
करता शत्रु तमाम, साथ प्रभुजी का पाया ।
कर भीषण टंकार, सिंधु का दर्प घटाया ।।
धन्य धन्य कोदंड, धारते जिसे अवधपति ।
धन्य दण्डकारण्य, सदा से हो गर्वित अति ।
सादर अभिनंदन 🙏🙏
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● आज प्राण प्रतिष्ठा का दिन है
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