चित्र साभार 'गूगल' से हर शहर अवध सा सजा हुआ, हर सदन राम मंदिर है बना । हर मन , मन ही मन, राम जपे, हर रोम रोम में राम बसे । देखो तो राममय हवा चली, सबके उर ऐसी भक्ति जगी । जिससे जितना ही बन पाया, वह रत है राम की भक्ति में । कुछ कहते सियासी मुद्दे हैं, पर किसको लगे ये भद्दे हैं ? जगमग फिर पूरा देश हुआ, आज दीप जले हर बस्ती में । खुशियों की ऐसी लहर चली, उत्सुकता सबके हृदय पली । शिशिर अचरज स्तब्ध खड़ी, है जोश भक्ति की शक्ति में । पक्ष विपक्ष गर छोड़ दें हम, सियासत का भ्रम तोड़ दें हम । श्रद्धेय नमन उस साधक को रत अनुष्ठान व्रत भक्ति में । आज प्राण प्रतिष्ठा का दिन है , आस्था भी कहाँ मन्दिर बिन है । पंच शतक की पूर्ण प्रतीक्षा, हैं जयकारे अब जगती में । मूरत श्यामल अति मनभावन, अभिजीत मुहूर्त द्वादश पावन । शुभ मंत्रोच्चार, पौष-उत्सव सा रमें रामलल्ला की भक्ति में । पढ़िए प्रभु श्रीराम पर कुण्डलिया छंद में मेरी रचना धन्य हुए योगिराज, बनाई पावन मूरत
वाह ! बहुत खूब
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार आदरणीय !
हटाएंक्या बात है सुधा जी! मोहक सरस रचना।
जवाब देंहटाएंसुंदर वर्णन शरद आगमन के साथ मोहक रूप प्रकृति का।
बहुत बहुत सुंदर।
दिल से धन्यवाद एवं आभार कुसुम जी !
हटाएंशरद को शब्दों में बखूबी बाँधा है । भोर की छटा निराली है । सुंदर सृजन ।
जवाब देंहटाएंजी , हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आपका 🙏🙏।
हटाएंवाह! क्या बात है! बहुत मोहक प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसादर आभार एवं धन्यवाद आ.विश्वमोहन जी !
हटाएंमहकी कुसुम कली
जवाब देंहटाएंविहग विराव भली
टपकन तुहिन बिंदु
खुशी की ज्यों लोर है
मनमोहक सृजन ।
अत्यंत आभार एवं धन्यवाद मीनाजी!
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार २१ अक्टूबर २०२२ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी मेरी रचना को पाँच लिंको के आनंद मंच के लिए चयनित करने हेतु ।
हटाएंबहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंपूरब मे रवि रथ
जवाब देंहटाएंशशि भी गगन पथ
स्वर्णिम से अंबरांत
छटा हर छोर हैं////
बहुत सुन्दर और मनभावन अभिव्यक्ति प्रिय सुधा जी।मोहक शब्दों में सहजता से उतार कर आपने शरद की भोर को और भी मोहक बना दिया है।हार्दिक बधाई और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।♥️♥️🌹🌹
हृदयतल से धन्यवाद एवं आभाररेणु जी ! आपकी अनमोल प्रतिक्रिया पाकर सृजन सार्थक हुआ।
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंतहेदिल से धन्यवाद एवं आभार भारती जी !
हटाएंसुन्दर रचना। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ l
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति। दीपावली की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंशरद की भोर को अपने मोहक शब्दों द्वारा आपने और भी म9हक बना दिया है, सुधा दी। बहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंभोर पर इतनी सुंदर घनाक्षरी । मनमोहक, मनोहारी,मनहर वर्णन । बधाई सखी ।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुंदर।
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