शुक्रवार, 25 मई 2018

ज्येष्ठ की तपिश और प्यासी चिड़िया

Many sparrows sitting on the edge of a container having water

सुबह की ताजी हवा थी महकी
कोयल कुहू - कुहू बोल रही थी....
घर के आँगन में छोटी सी सोनल
अलसाई आँखें खोल रही थी....
चीं-चीं कर कुछ नन्ही चिड़ियां
सोनल के निकट आई......
सूखी चोंच उदास थी आँखें
धीरे से वे फुसफुसाई....
सुनो सखी ! कुछ मदद करोगी ?
छत पर थोड़ा नीर रखोगी ?

बढ़ रही अब तपिश धरा पर,
सूख गये हैं सब नदी-नाले
प्यासे हैं पानी को तरसते,
हम अम्बर में उड़ने वाले.....
तुम पंखे ,कूलर, ए.सी. में रहते
हम सूरज दादा का गुस्सा सहते
झुलस रहे हैं, हमें बचालो !
छत पर थोड़ा पानी तो डालो !!
जेठ जो आया तपिश बढ गयी
बिन पानी प्यासी हम रह गयी....

सुनकर सोनल को तरस आ गया
चिड़ियों का दुख दिल में छा गया
अब सोनल सुबह सवेरे उठकर
चौड़े बर्तन में पानी भरकर,
साथ में दाना छत पर रखती है....
चिड़ियों का दुख कम करती है ।

मित्रों से भी विनय करती सोनल
आप भी रखना छत पर थोड़ा जल ।।



चित्र: साभार गूगल से...










21 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

मित्रों से भी विनय करती सोनल
आप भी रखना छत पर थोड़ा जल ।
प्रेरित करती हुई पंक्तियाँ।

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 24 फरवरी 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से आभार संजय जी !

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद यशोदा जी !
सादर आभार....।

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुधा जी आपकी लिखी रचना को मेरी धरोहर ब्लॉग पर 24 फरवरी 2020 को साझा की गई है

सदर
मेरी धरोहर

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा ने कहा…

बहुत ही सुंदर व प्यारी सी रचना, जो पाठकों को मंत्रमुग्ध कर रही है। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया ।

Sudha Devrani ने कहा…

सहृदय धन्यवाद संजय जी !
सादर आभार।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद, पुरुषोत्तम जी !
सादर आभार।

मन की वीणा ने कहा…

बहुत प्रेरणा दायक बाल कविता।
बच्चों के साथ बड़े भी इन संवेदनाओं पर ध्यान रखें तो सब कुछ अच्छा हो सकता है ।
सुंदर सृजन सुधा जी।

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद कुसुम जी!
सादर आभार।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत प्यारी रचना । नन्हीं सोनल के माध्यम से अच्छी प्रेरणा देती सुंदर रचना ।

Sudha Devrani ने कहा…

सहृदय धन्यवाद एवं आभार आ.संगीता जी!

Jyoti Dehliwal ने कहा…

बहुत सुंदर प्रेरणादायक रचना, सुधा दी।

Sudha Devrani ने कहा…

सहृदय धन्यवाद एवं आभार ज्योति जी!

विश्वमोहन ने कहा…

प्रकृति की व्यथा
चिड़िये की कथा।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आ.विश्वमोहन जी!

शुभा ने कहा…

वाह!बहुत खूबसूरत ,प्रेरणादायक सृजन सुधा जी ।

Sudha Devrani ने कहा…

सहृदय धन्यवाद एवं आभार शुभा जी!

नूपुरं noopuram ने कहा…

बहुत अच्छी लगी,अच्छी बातें सिखाती यह कविता ।

सुधा जी,अभिनंदन ।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद एवं आभार नुपुरं जी!

Bharti Das ने कहा…

बहुत खूबसूरत

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