करते रहो प्रयास (दोहे)
1. करते करते ही सदा, होता है अभ्यास । नित नूतन संकल्प से, करते रहो प्रयास।। 2. मन से कभी न हारना, करते रहो प्रयास । सपने होंगे पूर्ण सब, रखना मन में आस ।। 3. ठोकर से डरना नहीं, गिरकर उठते वीर । करते रहो प्रयास नित, रखना मन मे धीर ।। 4. पथबाधा को देखकर, होना नहीं उदास । सच्ची निष्ठा से सदा, करते रहो प्रयास ।। 5. प्रभु सुमिरन करके सदा, करते रहो प्रयास । सच्चे मन कोशिश करो, मंजिल आती पास ।। हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर उत्तराखंड में मधुमास (दोहे)

बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति,सुधा दी।
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंWelcome to my blog
अति सुन्दर मनहरण घनाक्षरी छन्द ।बहुत खूब सुधा जी !
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