करते रहो प्रयास (दोहे)

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1. करते करते ही सदा, होता है अभ्यास ।     नित नूतन संकल्प से, करते रहो प्रयास।। 2. मन से कभी न हारना, करते रहो प्रयास ।   सपने होंगे पूर्ण सब, रखना मन में आस ।। 3. ठोकर से डरना नहीं, गिरकर उठते वीर ।   करते रहो प्रयास नित, रखना मन मे धीर ।। 4. पथबाधा को देखकर, होना नहीं उदास ।    सच्ची निष्ठा से सदा, करते रहो प्रयास ।। 5. प्रभु सुमिरन करके सदा, करते रहो प्रयास ।    सच्चे मन कोशिश करो, मंजिल आती पास ।। हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर उत्तराखंड में मधुमास (दोहे)

श्राद्ध में करें तर्पण (मनहरण घनाक्षरी)

 

Tarpam


श्राद्ध में करें तर्पण,

श्रद्धा मन से अर्पण,

पितरों को याद कर,

पूजन कराइये


ब्राह्मण करायें भोज,

उन्नति मिलेगी रोज,

दान, दक्षिणा, सम्मान,

शीष भी नवाइये ।


पिण्डदान का विधान,

पितृदेव हैं महान,

बैतरणी करें पार 

गयाजी तो जाइये ।


तर्पण से होगी मुक्ति,

श्राद्ध है पावन युक्ति,

पितृलोक से उद्धार,

स्वर्ग पहुँचाइये ।


पितृदेव हैं महान,

श्राद्ध में हो पिण्डदान,

जवा, तिल, कुश जल,

अर्पण कराइये ।


श्राद्ध में जिमावे काग,

श्रद्धा मन अनुराग,

निभा सनातन रीत,

पितर मनाइये ।


पितर आशीष मिले

वंश खूब फूले फले ,

सुख समृद्धि संग,

खुशियाँ भी पाइये ।


सेवा करें बृद्ध जन,

बात सुने पूर्ण मन,

विधि का विधान जान,

रीतियाँ निभाइये



हार्दिक अभिनंदन🙏

पढ़िए एक और मनहरण घनाक्षरी छंद

● प्रभु फिर आइए




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