और एक साल बीत गया
प्रदत्त पंक्ति 'और एक साल बीत गया' पर मेरा एक प्रयास
और एक साल बीत गया
दिन मास पल छिन
श्वास तनिक रीत गया
हाँ ! और एक साल बीत गया !
ओस की सी बूँद जैसी
उम्र भी टपक पड़ी
अंत से अजान ऐसी
बेल ज्यों लटक खड़ी
मन प्रसून पर फिर से
आस भ्रमर रीझ गया
और एक साल बीत गया !
साल भर चैन नहीं
पाने की होड़ लगी
और, और, और अधिक
संचय की दौड़ लगी
भान नहीं पोटली से
प्राण तनिक छीज गया
और एक साल बीत गया !
जो है सहेज उसे
चैन की इक श्वास तो ले
जीवन उद्देश्य जान
सुख की कुछ आस तो ले
मन जो संतुष्ट किया
वो ही जग जीत गया
और एक साल बीत गया !
नववर्ष के अग्रिम शुभकामनाओं के साथ पढ़िए मेरी एक और रचना निम्न लिंक पर --
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