गुरुवार, 2 दिसंबर 2021

चल जिंदगी तुझको चलना ही होगा

 

Winter weather
चित्र, साभार pixabay से..

हर इक इम्तिहा से गुजरना ही होगा

चल जिंदगी तुझको चलना ही होगा


 रो-रो के काटें , खुशी से बिताएं 

 है जंग जीवन,तो लड़ना ही होगा


बहुत दूर साहिल, बड़ी तेज धारा

संभलके भंवर से निकलना ही होगा


शरद कब तलक गुनगुनी यूँ रहेगी

धरा को कुहासे से पटना ही होगा


मधुमास मधुरिम सा महके धरा पर

तो पतझड़ से फिर-फिर गुजरना ही होगा


ये 'हालात' मौसम से, बनते बिगड़ते

डर छोड़ डट आगे बढ़ना ही होगा


बिखरना नहीं अब निखरना है 'यारा'

कनक सा अगन में तो तपना होगा ।।


38 टिप्‍पणियां:

Ankit choudhary ने कहा…

वाह! बहुत सुन्दर 🙏

शुभा ने कहा…

वाह!क्या बात है ,सुधा जी ,बेहतरीन !
बिखरना नहीं अब निखरना है यारा
कनक सा अगन में तो तपना ही होगा ।
बहुत खूब!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

वाह ..... हर हाल में जीवन की जंग से जूझने को प्रेरित करती रचना ।
बिखरना नहीं अब निखरना है 'यारा'

कनक सा अगन में तो तपना होगा ।।
लाजवाब ।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद अंकित जी!

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद शुभा जी!

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद आ.संगीता जी!

Sudha Devrani ने कहा…

प्रिय अनीता जी मेरी रचना चर्चा मंच पर साझा करने हेतु तहेदिल से धन्यवाद।

Sweta sinha ने कहा…

जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार 3 दिसंबर २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद प्रिय श्वेता जी मेरी रचना को पाँच लिंको के आनंद मंच पर साझा करने हेतु।

Bharti Das ने कहा…

बेहतरीन अभिव्यक्ति

MANOJ KAYAL ने कहा…

लाजवाब सृजन

yashoda Agrawal ने कहा…

बेहतरीन सृजन
बिखरना नहीं अब निखरना है 'यारा'
आभार..
सादर..

anita _sudhir ने कहा…

बेहतरीन सृजन

मन की वीणा ने कहा…

बिखरने से निखरने को प्रेरित करता सुंदर आशावादी काव्य सुधा जी आपकी लेखनी को सलाम बहुत उम्दा भाव बहुत उम्दा कथन ।

Manisha Goswami ने कहा…

रो-रो के काटें , खुशी से बिताएं
है जंग जीवन,तो लड़ना ही होगा
वाह क्या बात कही है एक एक पंक्ति बहुत ही शानदार है
जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए हिम्मत को बांधती हुई
बहुत ही ऊर्जावान रचना!

Meena Bhardwaj ने कहा…

बिखरना नहीं अब निखरना है 'यारा'
कनक सा अगन में तो तपना होगा ।।
वाह !! बहुत खूब !!
बेहतरीन भावों से सजी सुन्दर कृति ।

आलोक सिन्हा ने कहा…

बहुत बहुत सुन्दर

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद आ.भारती जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद आ.यशोदा जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद आ.अनीता जी!

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद आ.कुसुम जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद प्रिय मनीषा जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद मीना जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद आ.आलोक जी!

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

बिखरना नहीं अब निखरना है 'यारा'

कनक सा अगन में तो तपना होगा ।।.. आशा का संचार करती सुंदर उत्कृष्ट रचना ।बहुत शुभकामनाएं सुधा जी ।

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद जिज्ञासा जी!

जितेन्द्र माथुर ने कहा…

रो-रो के काटें, खुशी से बिताएं; है जंग जीवन,तो लड़ना ही होगा। क़लम चाहे कम चले मगर जब चले तो ऐसी ही पैनी होनी चाहिए सुधा जी। आपकी इस ग़ज़ल को 'गागर में सागर' कहा जा सकता है।

Jyoti Dehliwal ने कहा…

जीवन के प्रति सकारात्मक सोच दर्शाती सुंदर रचना, सुधा दी।

Sudha Devrani ने कहा…

आपकी सराहनासम्पन्न प्रतिक्रिया हमेशा उत्साह द्विगुणित कर देती है जितेन्द्र जी!
तहेदिल से धन्यवाद आपका।

Sudha Devrani ने कहा…

सहृदय आभार एवं धन्यवाद ज्योति जी!

Shreedhar ने कहा…

Bahut umda Ghzal hai. Hindi ghazal ka alag hee awwal sthan hai. Waah Jee!

Shreedhar ने कहा…

Bahut Umda Ghazal. Waah.

Sudha Devrani ने कहा…

जी,अत्यंत आभार एवं धन्यवाद आपका।आदरणीय श्रीधर जी!
ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद आपका।
सादर आभार।

अभिव्यक्ति मेरी ने कहा…

वेहतरीन रचना।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आपका।
ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

Shreedhar ने कहा…

🌺🌺🙏🙏🌺🌺

Sudha Devrani ने कहा…

अत्यंत आभार एवं धन्यवाद आ.श्रीधर जी !

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