रविवार, 7 नवंबर 2021

कैनल में कैद अब झूठा नबाब

प्रदत्त चित्र पर हास्यव्यंग रचना


Pet dog
चित्र साभार Quora से

           

               आँखों में चश्मा मुँह में गुलाब, 

               हाथ मोबाइल करके आदाब

               गले में मोती जड़ा था पट्टा,

               चला जो शेरू बनके नबाब


                कदम कदम पर यार मिले, 

                चापलूस दो -चार मिले

                मचले मन औ बहके कदम के,

                 जी हुजूर सरकार मिले


                  आड़ी तिरछी पोज बनाई,

                  यो यो वाली फोटो खिंचाई

                  टेढी-मेढ़ी सी दुम हिलाकर,

                  उठाये पंजे सैल्फी बनाई


                 आवारगी की सनक जो थी,

                 मालिक बुलाये पर भनक न थी।

                 गुर्रा रहा था वो फुल जोश में, 

                 हंटर पड़ा तब आया होश में


                लोटा जमीं पे वो दुम हिलाकर,

                 सारी मस्ती मन से भुलाकर

                 चश्मा टूटा और छूटा गुलाब, 

                 कैनल में कैद अब झूठा नबाब।।

19 टिप्‍पणियां:

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 08 नवम्बर 2021 को साझा की गयी है....
पाँच लिंकों का आनन्द पर
आप भी आइएगा....धन्यवाद!

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद यशोदा जी मेरी रचना को पाँच लिंको का आनन्द मंच पर साझा करने हेतु।
सादर आभार।

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

बहुत सुंदर सारगर्भित रचना सुधा जी । उत्तम चित्राभिव्यक्ति
के साथ साथ आज के यथार्थ का भी दर्शन करा गई आपकी रचना ।

मन की वीणा ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
मन की वीणा ने कहा…

हा हा हा, सटीक हास्य व्यंग्य रचना सुधा जी।
अच्छी कल्पना शक्ति, सुंदर चित्राभिव्यक्ति

Jyoti Dehliwal ने कहा…

थोड़ी देर के लिए कोई भी अपन8 असलियत भूल सकता है लेकिन आखिरकार वास्तविकता से रूबरू होना ही पड़ता है इस सच्चाई को व्यक्त करती बहुत सुंदर रचना,सुधा दी।

Sudha Devrani ने कहा…

जी, जिज्ञासा जी! तहेदिल से आभार एवं धन्यवाद आपका।

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार कुसुम जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार ज्योति जी!

Madhulika Patel ने कहा…

बहुत सुंदर सार गर्भित रचना ।दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

anita _sudhir ने कहा…

हास्य गहन भाव को समेटे
अद्भुत

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आ.मधुलिका जी!
ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आ. अनीता जी!

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

वाह

Meena Bhardwaj ने कहा…

वाह !!
अति सुंदर चित्राभिव्यक्ति ।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद आ.जोशी जी!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद मीना जी!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सटीक ...
हास्य और व्यंग का अपना ही मज़ा है ...
अच्छी रचना है ...

Sudha Devrani ने कहा…

अत्यंत आभार एवं धन्यवाद नासवा जी!

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