सैनिक, संत, किसान (दोहा मुक्तक)

सैनिक रक्षा करते देश की, सैनिक वीर जवान । लड़ते लड़ते देश हित, करते निज बलिदान । ओढ़ तिरंगा ले विदा, जाते अमर शहीद, नमन शहीदों को करे, सारा हिंदुस्तान ।। संत संत समागम कीजिए, मिटे तमस अज्ञान । राह सुगम होंगी सभी, मिले सत्य का ज्ञान । अमल करे उपदेश जो, होगा जीवन धन्य, मिले परम आनंद तब, खिले मनस उद्यान । किसान खून पसीना एक कर , खेती करे किसान । अन्न प्रदाता है वही, देना उसको मान । सहता मौसम मार वह, झेले कष्ट तमाम, उसके श्रम से पल रहा सारा हिंदुस्तान । सैनिक, संत, किसान 1) सीमा पर सैनिक खड़े, खेती करे किसान । संत शिरोमणि से सदा, मिलता सबको ज्ञान। गर्वित इन पर देश है , परहित जिनका ध्येय, वंदनीय हैं सर्वदा, सैनिक संत किसान ।। 2) सैनिक संत किसान से, गर्वित हिंदुस्तान । फर्ज निभाते है सदा, लिये हाथ में जान । रक्षण पोषण धर्म की, सेवा पर तैनात, करते उन्नति देश की, सदा बढ़ाते मान ।। हार्दिक अभिनंदन आपका 🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर ● मुक्...
सभी हायकु बहुत बढ़िया है,सुधा दी।
जवाब देंहटाएंअत्यंत आभार एवं धन्यवाद ज्योति जी!उत्साहवर्धन हेतु।
हटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 29 अगस्त 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंजी!यशोदा जी तहेदिल से धन्यवाद आपका।
हटाएंसादर आभार।
लाजवाब हाइकु । विविधताओं से परिपूर्ण । अति सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन हेतु अत्यंत आभार एवं धन्यवाद मीना जी!
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद आ. जोशी जी!
हटाएंसटीक हाइकू...वाह सुधा जी
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद अलकनंदा जी!
हटाएंसादर आभार।
सुंदर हाइकु.....
जवाब देंहटाएंअत्यंत आभार एवं धन्यवाद विकास जी!
हटाएंबाखूबी हाथ आजमाया है इस हाइकू की विधा में भी आपने ... स्पष्ट, तीखे, सामयिक और लाजवाब हैं सभी ...
जवाब देंहटाएंऐसे ही लिखती रहे ... मेरी बहुत बहुत शुभकामनायें ...
आपकी अनमोल प्रतिक्रिया पाकर सृजन सार्थक हुआ आ.नासवा जी!
हटाएंहार्दिक धन्यवाद एवन आभार आपका।
लॉक डाउन का सामयिक चित्रण।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद सर!
हटाएंसादर आभार।