बीती ताहि बिसार दे

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  स्मृतियों का दामन थामें मन कभी-कभी अतीत के भीषण बियाबान में पहुँच जाता है और भटकने लगता है उसी तकलीफ के साथ जिससे वर्षो पहले उबर भी लिए । ये दुख की यादें कितनी ही देर तक मन में, और ध्यान में उतर कर उन बीतें दुखों के घावों की पपड़ियाँ खुरच -खुरच कर उस दर्द को पुनः ताजा करने लगती हैं।  पता भी नहीं चलता कि यादों के झुरमुट में फंसे हम जाने - अनजाने ही उन दुखों का ध्यान कर रहे हैं जिनसे बड़ी बहादुरी से बहुत पहले निबट भी लिए । कहते हैं जो भी हम ध्यान करते हैं वही हमारे जीवन में घटित होता है और इस तरह हमारी ही नकारात्मक सोच और बीते दुखों का ध्यान करने के कारण हमारे वर्तमान के अच्छे खासे दिन भी फिरने लगते हैं ।  परंतु ये मन आज पर टिकता ही कहाँ है  ! कल से इतना जुड़ा है कि चैन ही नहीं इसे ।   ये 'कल' एक उम्र में आने वाले कल (भविष्य) के सुनहरे सपने लेकर जब युवाओं के ध्यान मे सजता है तो बहुत कुछ करवा जाता है परंतु ढ़लती उम्र के साथ यादों के बहाने बीते कल (अतीत) में जाकर बीते कष्टों और नकारात्मक अनुभवों का आंकलन करने में लग जाता है । फिर खुद ही कई समस्याओं को न्यौता देने...

हायकु



pink flower

1.

लॉकडाउन

बछिया को दबोचे

कुत्तों का झुण्ड


2.

चैत्र की साँझ~

कुटी द्वार पे वृद्धा

बजाए थाली


3.

कोरोना रोग~

भू में पड़े रुपये

ताकते लोग


4.

कोरोना व्याधि~

रुग्ण शिशु लेकर

सड़क पे माँ


5.

अनलॉक 1~

श्रमिक ने बनाई

काँस की कुटी


6.

लॉकडाउन~

तरणताल मध्य

कूदे बन्दर


7.

ज्येष्ठ मध्याह्न~

गुलमोहर छाँव 

लेेेटा पथिक


8.

समुद्र तट~

हाथ पकड़े बैठे

प्रेमी युगल


9.

चारणभूमि~

महिषि पीठ पर

बैठा बगुला


10.

निर्जन पथ~

माँ की गोद में मरा

बीमार बच्चा


11.

प्रसूति कक्ष~

माता शव के साथ

नवजातक


12.

सरयू तट~

मास्क पहने सन्त

भू-पूजन में


13.

पहाड़ी खेत~

पटेला में बालक 

को खींचें बैल


14.

राष्ट्रीय पर्व~

सड़क पर फेंका

तिरंगा मास्क


15.

कोरोना काल~

पुष्पपात्र में फैली

गिलोय बेल


टिप्पणियाँ

  1. सभी हायकु बहुत बढ़िया है,सुधा दी।

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    उत्तर
    1. अत्यंत आभार एवं धन्यवाद ज्योति जी!उत्साहवर्धन हेतु।

      हटाएं
  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 29 अगस्त 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी!यशोदा जी तहेदिल से धन्यवाद आपका।
      सादर आभार।

      हटाएं
  3. लाजवाब हाइकु । विविधताओं से परिपूर्ण । अति सुन्दर ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उत्साहवर्धन हेतु अत्यंत आभार एवं धन्यवाद मीना जी!

      हटाएं
  4. उत्तर
    1. हार्दिक धन्यवाद अलकनंदा जी!
      सादर आभार।

      हटाएं
  5. बाखूबी हाथ आजमाया है इस हाइकू की विधा में भी आपने ... स्पष्ट, तीखे, सामयिक और लाजवाब हैं सभी ...
    ऐसे ही लिखती रहे ... मेरी बहुत बहुत शुभकामनायें ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी अनमोल प्रतिक्रिया पाकर सृजन सार्थक हुआ आ.नासवा जी!
      हार्दिक धन्यवाद एवन आभार आपका।

      हटाएं

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