आओ बच्चों ! अबकी बारी होली अलग मनाते हैं

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  आओ बच्चों ! अबकी बारी  होली अलग मनाते हैं  जिनके पास नहीं है कुछ भी मीठा उन्हें खिलाते हैं । ऊँच नीच का भेद भुला हम टोली संग उन्हें भी लें मित्र बनाकर उनसे खेलें रंग गुलाल उन्हें भी दें  छुप-छुप कातर झाँक रहे जो साथ उन्हें भी मिलाते हैं जिनके पास नहीं है कुछ भी मीठा उन्हें खिलाते हैं । पिचकारी की बौछारों संग सब ओर उमंगें छायी हैं खुशियों के रंगों से रंगी यें प्रेम तरंगे भायी हैं। ढ़ोल मंजीरे की तानों संग  सबको साथ नचाते हैं जिनके पास नहीं है कुछ भी मीठा उन्हें खिलाते हैं । आज रंगों में रंगकर बच्चों हो जायें सब एक समान भेदभाव को सहज मिटाता रंगो का यह मंगलगान मन की कड़वाहट को भूलें मिलकर खुशी मनाते हैं जिनके पास नहीं है कुछ भी मीठा उन्हें खिलाते हैं । गुझिया मठरी चिप्स पकौड़े पीयें साथ मे ठंडाई होली पर्व सिखाता हमको सदा जीतती अच्छाई राग-द्वेष, मद-मत्सर छोड़े नेकी अब अपनाते हैं  जिनके पास नहीं है कुछ भी मीठा उन्हें खिलाते हैं । पढ़िए  एक और रचना इसी ब्लॉग पर ●  बच्चों के मन से

धन्य हुए योगिराज, बनाई पावन मूरत

कुण्डलिया छंद

Shree Ram
                                   चित्र साभार 'गूगल' से

                 


मूरत अद्भुत राम की, श्यामल सुन्दर रुप ।

स्मित अधर सरसिज नयन,शोभा अतुल अनूप ।

शोभा अतुल अनूप , वसन पीतांबर सोहे ।

गल भूषण बनमाल, छवि आलोक मनमोहे ।

निरखि सुधा सुध भूलि, मनोहर श्यामल सूरत।

धन्य हुए योगिराज, बनाई पावन मूरत ।


********************


राम विराजे अवधपुरी, मची देश में धूम ।

राम राम जपते सभी, नाच रहे हैं झूम ।

नाच रहे हैं झूम, लगी गणतंत्र में झाँकी ।

राम हि बस देखें सुने, भक्ति राम की आँकी ।

कहे सुधा सुन मीत,भक्ति का डंका बाजे ।

कर्म करें निष्काम, हृदय में राम विराजे ।


पढ़िएभक्ति भाव पर आधारित मनहरण घनाक्षरी छंद में मेरी एक और रचना ..

●  प्रभु फिर आइए








टिप्पणियाँ

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 27 जनवरी 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. जय श्रीराम बहुत ही सुन्दर सार्थक और मनभावन रचना सखी

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  3. निरखि सुधा सुध भूलि, मनोहर श्यामल सूरत।

    धन्य हुए योगिराज, बनाई पावन मूरत ।

    सचमुच अद्भभुत सृजन किया है मूर्तिकार ने
    बहुत ही सुन्दर सृजन सुधा जी 🙏
    जय श्री राम 🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह सुधा जी, एक अद्भुत रचना...वाह..क्या खूब कहा क‍ि -
    गल भूषण बनमाल, छवि आलोक मनमोहे ।
    निरखि सुधा सुध भूलि, मनोहर श्यामल सूरत।
    #जयश्रीराम

    जवाब देंहटाएं
  5. दिगंबर नासवा31 जनवरी 2024 को 4:31 pm बजे

    कमाल के भाव … स्वतः मन में उपज रहे हैं भाव है राम जी की …

    जवाब देंहटाएं

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