करते रहो प्रयास (दोहे)

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1. करते करते ही सदा, होता है अभ्यास ।     नित नूतन संकल्प से, करते रहो प्रयास।। 2. मन से कभी न हारना, करते रहो प्रयास ।   सपने होंगे पूर्ण सब, रखना मन में आस ।। 3. ठोकर से डरना नहीं, गिरकर उठते वीर ।   करते रहो प्रयास नित, रखना मन मे धीर ।। 4. पथबाधा को देखकर, होना नहीं उदास ।    सच्ची निष्ठा से सदा, करते रहो प्रयास ।। 5. प्रभु सुमिरन करके सदा, करते रहो प्रयास ।    सच्चे मन कोशिश करो, मंजिल आती पास ।। हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर उत्तराखंड में मधुमास (दोहे)

सियासत और दूरदर्शिता

Corrupt politicians

                                                           

प्रभु श्री राम के रीछ-वानर हों या,
श्री कृष्ण जी के ग्वाल - बाल

महात्मा बुद्ध के परिव्राजक हों या,
महात्मा गाँधी जी के  सत्याग्रही

दूरदर्शी थे समय के पारखी थे,
समय की गरिमा को पहचाने थे

अपनी भूमिका को निखारकर
जीवन अपना संवारे थे

आजकल भी कुछ नेता बड़े दूरदर्शी हो गये,
देखो ! कैसे दल-बदल मोदी -लहर में बह गये

इसी को कहते हैं चलती का नाम गाड़ी,
गर चल दिया तो हुआ सयाना
छूट गया तो हुआ अनाड़ी ।

नीतीश जी को ही देखिये, कैसे गठबंधन छोड़ बैठे !
व्यामोह के चक्रव्यूह से, कुशलता से निकल बैठे !

दूरदर्शिता के परिचायक नीतीश जी
 राजनीति के असली दाँव पेंच चल बैठे।

भाजपा का दामन पकड़ अनेक नेता सफल हो गये
दल - बदलू बनकर ये सियासत के रंग में रंग लिये

बहुत बड़ी बात है,देशवासियों का विश्वासमत हासिल करना !
उससे भी बड़ी बात है विश्वास पर खरा उतरना
आगे - आगे देखते हैं भाजपा करती है क्या?
 सभी के विश्वास पर खरी भी उतरती है क्या ?
                                                                                                चित्र साभार गूगल से

टिप्पणियाँ

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 14 दिसम्बर 2022 को साझा की गयी है...
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. विरोधी चल रहे हैं अपनी चालें
    विश्वास मोदी पर ज़रा जमा लें ।

    जवाब देंहटाएं
  3. आज जब आपकी ये रचना पढ़ रहीं हूं तब तक नितिश जी ने फिर दल बदल लिया 😂

    और संगीता दी ने सही कहा। खैर, ये तो राजनीति की बात थी जहां तक कविता की बात है तो हमेशा की तरह लाजबाव सृजन 🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. उस समय का सामायिक विवरण देती रचना।

    जवाब देंहटाएं

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