करते रहो प्रयास (दोहे)

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1. करते करते ही सदा, होता है अभ्यास ।     नित नूतन संकल्प से, करते रहो प्रयास।। 2. मन से कभी न हारना, करते रहो प्रयास ।   सपने होंगे पूर्ण सब, रखना मन में आस ।। 3. ठोकर से डरना नहीं, गिरकर उठते वीर ।   करते रहो प्रयास नित, रखना मन मे धीर ।। 4. पथबाधा को देखकर, होना नहीं उदास ।    सच्ची निष्ठा से सदा, करते रहो प्रयास ।। 5. प्रभु सुमिरन करके सदा, करते रहो प्रयास ।    सच्चे मन कोशिश करो, मंजिल आती पास ।। हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर उत्तराखंड में मधुमास (दोहे)

बने पकौड़े गरम-गरम


ख्यातिलब्ध पत्रिका 'अनुभूति' के 'गरम पकौड़े' विशेषाँक में मेरे गीत 'बने पकौड़े गरम-गरम' को सम्मिलित करने हेतु 'आदरणीया पूर्णिमा वर्मन जी' का हार्दिक आभार ।

Nahi soch, poem


घुमड़-घुमड़ कर घिरी घटाएं

बिजली चमकी चम चम चम  

झम झम झम झम बरसी बूँदें

बने पकौड़े गरम-गरम


सनन सनन कर चली हवाएं,

 सर सर सर सर डोले पात 

भीगी माटी सौंधी महकी

पुलकित हुआ अवनि का गात 


राहत मिली निदाघ से अब तो

हुआ सुहाना ये मौसम 

झम झम झम झम बरसी बूँदें

बने पकौड़े गरम-गरम


अदरक वाली कड़क चाय की, 

फरमाइश करते दादा ।

दादी बोली मेरी चाय में

मीठा हो थोड़ा ज्यादा !


बच्चों को मीठे-मीठे 

गुलगुले चाहिए नरम नरम

झम झम झम झम बरसी बूँदें,

 बने पकौड़े गरम-गरम


खट्टी मीठी और चटपटी

चटनी डाली थाली में 

बच्चों को शरबत बाँटा

और चाय बँटी फिर प्याली में 


बारिश की बोछारों के संग

 ओले बरसे ठम ठम ठम

झम झम झम झम बरसी बूँदें

 बने पकौड़े गरम-गरम




पढ़िए बरसात और बारिश पर मेरी एक कविता

● बरसी अब ऋतुओं की रानी



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