दोहे - सावन में शिव भक्ति

■ सावन आया सावन मास है , मंदिर लगी कतार । भक्त डूबते भक्ति में, गूँज रही जयकार ।। लिंग रूप भगवान का, पूजन करते भक्त । कर दर्शन शिवलिंग के, हुआ हृदय अनुरक्त । ओघड़दानी देव शिव, बाबा भोलेनाथ । जपें नाम सब आपका, जोड़े दोनों हाथ ।। करो कृपा मुझ दीन पर, हे शिव गौरीनाथ । हर लो दुख संताप प्रभु, सर पर रख दो हाथ ।। बम बम भोले बोलकर, भक्त करें जयकार । विधिवत व्रत पूजन करें, मिलती खुशी अपार ।। ■ काँवड काँधे में काँवड सजे, होंठों मे शिव नाम । शिव शंकर की भक्ति से, बनते बिगड़े काम ।। काँवड़िया काँवड़ लिये, चलते नंगे पाँव । बम बम के जयघोष से, गूँज रहे हैं गाँव ।। काँधे पर काँवड़ लिये, भक्त चले हरिद्वार । काँवड़ गंगाजल भरे, चले शंभु के द्वार ।। काँवड़िया काँवड़ लिए , गाते शिव के गीत । जीवन उनका धन्य है, शिव से जिनको प्रीत ।। सादर अभिनंदन🙏🙏 पढ़िये भगवान शिव पर आधारित कुण्डलिया छंद निम्न लिंक पर ● हरते सबके कष्ट सदाशिव भोले शंकर
बहुत सुंदर प्रार्थना दी।
जवाब देंहटाएंजय हो श्री गणेशा देवा...।
सस्नेह प्रणाम दी।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार २६ सितंबर २०२३ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
जय जय गणपति जगवंदन | सुन्दर रचना |
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंजय जय हे गणपति गणनायक
जवाब देंहटाएंजय हो गणपति बप्पा की … भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंगणपति बप्पा के वंदन हेतु सुंदर भाव और शब्दों का उपहार!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव भगवान गणपति हमारे धाम विराजें यही उनसे विनती, प्रार्थना। जय गणपति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भक्तिमय,
जवाब देंहटाएंगणपति वन्दना बहुत सुन्दर और संग्रहणीय है सुधा जी ! गणपति बप्पा अपनी कृपा सब पर बनाये रखें ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंजय श्री गणेश 🙏