करते रहो प्रयास (दोहे)
1. करते करते ही सदा, होता है अभ्यास । नित नूतन संकल्प से, करते रहो प्रयास।। 2. मन से कभी न हारना, करते रहो प्रयास । सपने होंगे पूर्ण सब, रखना मन में आस ।। 3. ठोकर से डरना नहीं, गिरकर उठते वीर । करते रहो प्रयास नित, रखना मन मे धीर ।। 4. पथबाधा को देखकर, होना नहीं उदास । सच्ची निष्ठा से सदा, करते रहो प्रयास ।। 5. प्रभु सुमिरन करके सदा, करते रहो प्रयास । सच्चे मन कोशिश करो, मंजिल आती पास ।। हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर उत्तराखंड में मधुमास (दोहे)

बहुत सुंदर प्रार्थना दी।
जवाब देंहटाएंजय हो श्री गणेशा देवा...।
सस्नेह प्रणाम दी।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार २६ सितंबर २०२३ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
जय जय गणपति जगवंदन | सुन्दर रचना |
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंजय जय हे गणपति गणनायक
जवाब देंहटाएंजय हो गणपति बप्पा की … भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंगणपति बप्पा के वंदन हेतु सुंदर भाव और शब्दों का उपहार!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव भगवान गणपति हमारे धाम विराजें यही उनसे विनती, प्रार्थना। जय गणपति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भक्तिमय,
जवाब देंहटाएंगणपति वन्दना बहुत सुन्दर और संग्रहणीय है सुधा जी ! गणपति बप्पा अपनी कृपा सब पर बनाये रखें ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंजय श्री गणेश 🙏