बुधवार, 29 सितंबर 2021

मौसम बदल जाने को है

Changeweather
                     चित्र साभार photopin.com से



अभी फलित भी ना हुई कि बेल मुरझाने को है
देखते ही देखते ,  मौसम बदल जाने को है

देर से जागे हैं तो , तत्पर संभालें आपको
है गतिज ये दोपहर फिर साँझ ढ़ल जाने को है ।

चार दिन चौमास में , बादल घुमड़ के चल दिये
दमक उठा अम्बर बदन, समझो शरद आने को है।

सिमट रही नदी भी अब, नालों का साथ ना मिला
सैकत भरे इस तीर का , उफान अब जाने को है ।

बुढिया रही बरसात अब, फूले हैं काँस केश से
दादुर दुबक रहे कहीं, 'खंजन' भी अब आने को है ।

खिल रही कली-कली , पुष्पित सभी प्रसून हैं
पयाम पुष्प पा मधुप,  सुर मधुर गाने को है ।

21 टिप्‍पणियां:

Sweta sinha ने कहा…

वाह अति सुकोमल ऋतु के स्वागत में लिखी आपकी सुंदर रचना ने एक मोहक चित्र खींच दिया प्रिय सुधा जी।
....
शरद के
स्वागत में वादियों के
दामन
सजने लगे,
बहकी हवाओं ने
हर शय में
नया राग
जगाया है।
-----
सस्नेह

Ravindra Singh Yadav ने कहा…

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 30 सितंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....

http://halchalwith5links.blogspot.in
पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

!

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आ.रविन्द्र जी मेरी रचना को पाँच लिंको के आनन्द मंच पर स्थान देने हेतु।

आलोक सिन्हा ने कहा…

बहुत बहुत सुन्दर

उर्मिला सिंह ने कहा…

बहुत सुन्दर,बदलते मौसम का चित्रण करती लाज़बाब रचना सुधा जी।

Bharti Das ने कहा…

बहुत सुंदर सृजन, बेहतरीन अभिव्यक्ति

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार, उर्मिला जी!

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार, भारती जी !

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

वर्षा ऋतु को विदाई तथा आती हुई शरद ऋतु को शुभकामना संदेश देती सुंदर मनोहारी कविता, बहुत शुभकामनाएँ सुधा जी।

Jyoti Dehliwal ने कहा…

चार दिन चौमास में , बादल घुमड़ के चल दिये
दमक उठा अम्बर बदन, समझो शरद आने को है।
बहुत लाजबाब रचना, सुधा दी।

मन की वीणा ने कहा…

बहुत बहुत सुंदर सुधाजी,आती शरद की आहट इतनी मनभावन होती है कि लेखनी स्वयं मधुरस छलकाती हैं,और भाव सृजन यूँ मुखरित होते हैं ।
मनभावन मनमोहक।
अप्रतिम।

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार जिज्ञासा जी!

Sudha Devrani ने कहा…

अत्यंत आभार एवं धन्यवाद ज्योति जी!

Sudha Devrani ने कहा…

अत्यंत आभार एवं धन्यवाद ज्योति जी!

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद एवं आभारआ.कुसुम जी !

Ankur Jain ने कहा…

वाह। ऋतु की विदाई का सुंदर शब्दांकन।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद अंकुर जी!
ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

Sanju ने कहा…

सुंदर, सार्थक रचना !........
ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद एवं आभार सन्जू जी!
आपका भी बहुत बहुत स्वागत है ब्लॉग पर।

संजय भास्‍कर ने कहा…

बदलते मौसम का चित्रण करती रचना

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद एवं आभार संजय जी!

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