गुरुवार, 23 जुलाई 2020

आज मौसम का रुख जब उसे समझ आया

summer weather


की जो नादानियाँ तब
खुद पे अब तरस आया...
आज मौसम का रुख,
जब उसे समझ आया

तप्त तो था मौसम
वो कड़वी दवा पीती रही ...
वजह बेवजह ही
खुद को सजा देती रही
सजा-ए-दर्द सहे मन
भी बहुत पछताया
आज मौसम का रुख
जब उसे समझ आया

हाँ! मौसम की ये फितरत
ना समझ पाती थी....
उसकी खुशियों के खातिर
कुछ भी कर जाती थी
उसकी गर्मी और सर्दी में
खुद को उलझाया....
आज मौसम का रुख
जब उसे समझ आया.....

दी सजाएं जो रोग बनके
तन में पलती रही...
नैन बरसात से बरसे
ये उम्र ढ़लती रही......
कुछ सुहाना हुआ मौसम
पर न अब रास आया
आज मौसम का रुख
जब उसे समझ आया।

सुख में दुःख में जो न सम्भले
वो दिन रीत गये
सर्दी गर्मी और बरसात के
दिन बीत गये
ढ़ल गयी साँझ, देखो अब
रात का तमस छाया
की जो  नादानियाँ तब
खुद पे अब तरस आया।
आज मौसम का रुख
जब उसे समझ आया...
        
        चित्र ; साभार पिन्टरेस्ट से


20 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २४ जुलाई २०२० के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    उत्तर
    1. हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी! पांच लिंको के आनंद मंच पर मेरी रचना साझा करने हेतु।

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  2. कई बार बहुत देर हो जाती है जब तक इंसान समझ पाता है ...
    शायद इसलिए ही कहते हैं कुछ समय ख़ुद के लिए भी बचाना चाहिए ...
    बहुत गहरी सोच से जन्मी रचना .।.

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    उत्तर
    1. जी नासवा जी, हार्दिक धन्यवाद आपका
      उत्साहवर्धन हेतु...
      सादर आभार।

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  3. कई बार इंसान को जब अपनी गलतियां समझ मे आती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। भयत सुंदर अभिव्यक्ति सुधा दी।

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    उत्तर
    1. जी, ज्योति जी! हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आपका।

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  4. दी सजाएं जो रोग बनकर तन में पलती रही
    नैन बरसात से बरसी उम्र ढलती रही
    खुद पर तरस आया जब मौसम का रुख समझ आया
    सुन्दर भाव सृजन

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद रितु जी!उत्साहवर्धन हेतु.....
      सस्नेह आभार।

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  5. बहुत सुंदर रचना, गहरी सोच को सामने लाती पंक्तियां
    सादर

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    1. हृदयतल से धन्यवाद अपर्णा जी!बहुत दिनों बाद आपको यहाँ देख अत्यंत खुशी हुई....सस्नेह आभार।

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  6. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२५-०७-२०२०) को 'सारे प्रश्न छलमय' (चर्चा अंक-३७७३) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    --
    अनीता सैनी

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    1. हार्दिक धन्यवाद अनीता जी सहयोग हेतु
      सस्नेह आभार।

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  7. उत्तर
    1. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आदरणीय
      ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

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