बधाई शुभकामनाएं

आओ लौटें ब्लॉग पर, लेखन सुलेख कर एक दूसरे से फिर, वही मेल भाव हो । पंच लिंक का आनंद,मंच सजे सआनंद हर एक लिंक सार, पढ़ने का चाव हो । सम्मानित चर्चाकार, सम्भालें हैं कार्यभार स्थापना दिवस आज, पूरा हर ख़्वाव हो । शुभकामना अनेक, मंच फले अतिरेक ऐसे नेक कार्य हेतु, मन से लगाव हो । पंच लिंक की चौपाल, सजे यूँ ही सालों साल बधाई शुभकामना, शुद्ध मन भाव हो । मेरी एक और रचना निम्न लिंक पर 👇 ब्लॉग से मुलाकात.. बहुत समय के बाद
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार २४ जुलाई २०२० के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी! पांच लिंको के आनंद मंच पर मेरी रचना साझा करने हेतु।
हटाएंकई बार बहुत देर हो जाती है जब तक इंसान समझ पाता है ...
जवाब देंहटाएंशायद इसलिए ही कहते हैं कुछ समय ख़ुद के लिए भी बचाना चाहिए ...
बहुत गहरी सोच से जन्मी रचना .।.
जी नासवा जी, हार्दिक धन्यवाद आपका
हटाएंउत्साहवर्धन हेतु...
सादर आभार।
कई बार इंसान को जब अपनी गलतियां समझ मे आती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। भयत सुंदर अभिव्यक्ति सुधा दी।
जवाब देंहटाएंजी, ज्योति जी! हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आपका।
हटाएंदी सजाएं जो रोग बनकर तन में पलती रही
जवाब देंहटाएंनैन बरसात से बरसी उम्र ढलती रही
खुद पर तरस आया जब मौसम का रुख समझ आया
सुन्दर भाव सृजन
बहुत बहुत धन्यवाद रितु जी!उत्साहवर्धन हेतु.....
हटाएंसस्नेह आभार।
वाह
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार जोशी जी !
हटाएंबहुत सुंदर रचना, गहरी सोच को सामने लाती पंक्तियां
जवाब देंहटाएंसादर
हृदयतल से धन्यवाद अपर्णा जी!बहुत दिनों बाद आपको यहाँ देख अत्यंत खुशी हुई....सस्नेह आभार।
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२५-०७-२०२०) को 'सारे प्रश्न छलमय' (चर्चा अंक-३७७३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
हार्दिक धन्यवाद अनीता जी सहयोग हेतु
हटाएंसस्नेह आभार।
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार ओंकार जी!
हटाएंवाह बेहतरीन रचना सखी
जवाब देंहटाएंअत्यंत आभार एवं धन्यवाद सखी!
हटाएंखूबसूरत सृजन |
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार आदरणीय
हटाएंब्लॉग पर आपका स्वागत है।