सोमवार, 14 अक्तूबर 2019

शरद पूनम के चाँद


full (sharad poornima) moon

अब जब सब प्रदूषित है
तुम प्रदूषण मुक्त रहोगे न
शरद पूनम के चाँद हमेशा
धवल चाँदनी दोगे न.....

खीर का दोना रखा जो छत पे
अमृत उसमें भर दोगे न....
सोलह कलाओं से युक्त चन्द्र तुम
पवित्र सदा ही रहोगे न........

चाँदी से बने,सोने से सजे
तुम आज धरा के कितने करीब !
फिर भी उदास से दिखते मुझे
क्या दिखती तुम्हें भी धरा गरीब...?

चौमासे की अति से दुखी धरा का
कुछ तो दर्द हरोगे न....
कौजागरी पूनम के चन्द्र हमेशा
सबके रोग हरोगे न .......

सूरज ने ताप बढ़ाया अपना 
सावन भूला रिमझिम सा बरसना
ऐसे ही तुम भी "ओ चँदा " !
शीतलता तो नहीं बिसरोगे न...

रास पूनम के चन्द्र हमेशा
रासमय यूँ ही रहोगे न....
शरद पूनम के चाँद हमेशा 
धवल चाँदनी दोगे न........
                   
                चित्र साभार गूगल से..

31 टिप्‍पणियां:

Abhilasha ने कहा…

सुन्दर रचना सखी

anita _sudhir ने कहा…

वाह ,सार्थक सृजन

मन की वीणा ने कहा…

वाह सुधा जी कितनी मासूम सी जिज्ञासा है आपकी रचना में चांद जैसी ही कोमल आभार युक्त।
वाह सृजन।

मन की वीणा ने कहा…

आभा युक्त पढ़े कृपया।

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से आभार, अभिलाषा जी !

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा ने कहा…

शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीया।

Sudha Devrani ने कहा…

आपको भी शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं....
सादर आभार।

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से आभार , अनीता जी !

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद कुसुम जी !
सस्नेह आभार...

Kamini Sinha ने कहा…

सूरज ने ताप बढ़ाया अपना
सावन बिसरा रिमझिम सा बरसना
ऐसे ही तुम भी "ओ चँदा " !
शीतलता तो नहीं बिसरोगे न...

चंदा से बड़ा महत्वपूर्ण सवाल
लाजबाब सृजन सुधा जी ,सादर नमन

Anuradha chauhan ने कहा…

रास पुनम के चन्द्र हमेशा
रासमय यूँ ही रहोगे न....
शरद पुनम के चाँद हमेशा
धवल चाँदनी दोगे न........ बेहद खूबसूरत रचना सखी

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद पम्मी जी !
सस्नेह आभार....

Sudha Devrani ने कहा…

आभारी हूँ कामिनी जी !उत्साहवर्धन के लिए...बहुत बहुत धन्यवाद आपका...।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद अनुराधा जी !
सस्नेह आभार आपका...

Meena sharma ने कहा…

वाह ! बहुत ही सटीक प्रश्न चाँद से !
इतनी सुंदर रचना के लिए बधाई सुधा जी

Jyoti Dehliwal ने कहा…


रास पुनम के चन्द्र हमेशा
रासमय यूँ ही रहोगे न....
शरद पुनम के चाँद हमेशा
धवल चाँदनी दोगे न....
बहुत ही मासूम और सुंदर सवाल सुधा दी।

Sudha Devrani ने कहा…

आभारी हूँ मीना जी !बहुत बहुत धन्यवाद आपका...

Sudha Devrani ने कहा…

आभार ही ज्योति जी ! हार्दिक आभार आपका...

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद अनीता जी! निरन्तर सहयोग एवं उत्साहवर्धन के लिए...।
सस्नेह आभार ।

Meena Bhardwaj ने कहा…

चाँदी से बने,सोने से सजे
तुम आज धरा के कितने करीब !
फिर भी उदास से दिखते मुझे
क्या दिखती तुम्हें भी धरा गरीब...?
हृदयस्पर्शी.. अत्यंत सुन्दर । शरद पूर्णिमा के चाँद से बेहतरीन वार्तालाप । बहत मनभावन सृजन सुधा जी ।

Sweta sinha ने कहा…

सहज सरल.शब्दों में लिखी गयी आपकी रचना बहुत सारे अर्थ समेटे हुई है। प्रकृति का खूबसूरत शृंगार चाँद मानव मन के भावों को.स्पंदित कर जाता है। बहुत अच्छी कृति सुधा जी।

Sudha Devrani ने कहा…

उत्साहवर्धन करती सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार मीना जी !

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी !आपकी प्रतिक्रिया हमेशा उत्साह द्विगुणित करती है।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

वाह।

कृपया पूनम कर लें।

Sudha Devrani ने कहा…

उच्चारण और लयबद्धता के कारण पुनम लिखा था
ठीक नहीं था...? अब ठीक कर लिया हृदयतल से धन्यवाद आपका गलती सुधार करवाकर मार्गदर्शन के लिए....।
सादर आभार।

संजय भास्‍कर ने कहा…

ओह ओह ...आजकल इतना सच सच क्यों लिख रही हैं आप...वह भी इतनी सुंदरता से

दिगम्बर नासवा ने कहा…

कोमल सी चाह .... और चंदा भी हमेशा तत्पर रहता है वही शीतलता, धवल चांदनी का अमृत बरसाने को ... पर क्या मनुष्य ऐसा होने देगा ... क्या पर्यावरण को रख पायेगा सुरक्षित ... शरद का चाँद तो हमेशा से रोग मुक्त करता आया है ... बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण राचना है ...

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद नासवा जी !
सादर आभार...

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक आभार एवं धन्यवाद संजय जी !

Lokesh Nashine ने कहा…

बहुत शानदार

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद लोकेश जी !
सादर आभार ...

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