मन - मंदिर को रोशन बनाएंं
चलो ! एक दिया आज मन मेंं जलाएं,
अबकी दिवाली कुछ अलग हम मनाएंं ।
चलो ! एक दिया आज मन में जलाएं.....
मन का एक कोना निपट है अंधेरा,
जिस कोने को "अज्ञानता" ने घेरा ।
अज्ञानता के तम को दूर अब भगाएं
अज्ञानता के तम को दूर अब भगाएं
ज्ञान का एक दीप मन में जलाएं,
मन -मंदिर को रोशन बनाएं ।
चलो ! एक दिया आज मन में जलाएं......
काम, क्रोध, लोभ, मोह मन को हैं घेरे ,
जग उजियारा है पर, मन हैं अंधेरे ....
रात नजर आती है भरी दोपहरी में ,
रौशन दिवाली कब है, मन की अंधेरी में ।
प्रेम का एक दीप मन में जलाएं,
मन -मंदिर को रोशन बनाएं ।
चलो ! एक दिया आज मन में जलाएं.......
निराशा न हो मन में, हिम्मत न हार जाएं,
चाहे कठिन हो राहेंं, कदम न डगमगाएं
ईर्ष्या न हो किसी से,लालच करें नहीं हम,
परिश्रम की राह चलकर सन्तुष्टि सभी पाएं
आशा का एक दीप मन में जलाएं
मन-मंदिर को रोशन बनाएं
चलो ! एक दिया आज मन में जलाएं ।।
भय, कुण्ठा संदेह भी ,मन को हैं घेरे
दुख के बादल छाये ,चहुँओर घनेरे ।
खुशी का एक दीप मन में जलाएंं
मन मंदिर को रोशन बनाएं
चलो !एक दिया आज मन में जलाएं ।।
अबकी दिवाली मन को रोशन बनाएं.....
दुख के बादल छाये ,चहुँओर घनेरे ।
खुशी का एक दीप मन में जलाएंं
मन मंदिर को रोशन बनाएं
चलो !एक दिया आज मन में जलाएं ।।
अबकी दिवाली मन को रोशन बनाएं.....
9 टिप्पणियां:
जग उजियारा है पर, मन हैं अंधेरे ....
रात नजर आती है भरी दोपहरी में ,
रौशन दिवाली कब है, मन की अंधेरी में ।
प्रेम का एक दीप मन में जलाएं,
मन -मंदिर को रौशन बनाएं । बहुत सुंदर
सही कहा सुधा दी कि मन को रोशन करना जरूरी हैं बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। दिवाली की शुभकामनाएं।
बेहतरीन अब की दीवाली मन को रोशन बनाएं
ओहो!!!! गलती से आपका अनमोल आशीर्वचन खो दिया मैने ....काश मैं इसे दुबारा पा सकती
माफी चाहती हूँ विश्वमोहन जी !
आपका तहेदिल से आभार।
आभारी हूँ रितु जी ! बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
बहुत बहुत धन्यवाद ज्योति जी !
सस्नेह आभार।
निराशा न हो मन में, हिम्मत न हार जाएं,
चाहे कठिन हो राहेंं, कदम न डगमगाएं
ईर्ष्या न हो किसी से,लालच करें नहीं हम,
परिश्रम की राह चलकर सन्तुष्टि सभी पाएं
आशा का एक दीप मन में जलाएं
मन-मंदिर को रोशन बनाएं
चलो ! एक दिया आज मन में जलाएं ।।.. वाह !बेहतरीन सृजन आदरणीय दी जी
सादर
आभारी हूँ अनीता जी हार्दिक धन्यवाद आपका।
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