करते रहो प्रयास (दोहे)

चित्र
1. करते करते ही सदा, होता है अभ्यास ।     नित नूतन संकल्प से, करते रहो प्रयास।। 2. मन से कभी न हारना, करते रहो प्रयास ।   सपने होंगे पूर्ण सब, रखना मन में आस ।। 3. ठोकर से डरना नहीं, गिरकर उठते वीर ।   करते रहो प्रयास नित, रखना मन मे धीर ।। 4. पथबाधा को देखकर, होना नहीं उदास ।    सच्ची निष्ठा से सदा, करते रहो प्रयास ।। 5. प्रभु सुमिरन करके सदा, करते रहो प्रयास ।    सच्चे मन कोशिश करो, मंजिल आती पास ।। हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर उत्तराखंड में मधुमास (दोहे)

तब सोई थी जनता, स्वीकार गुलामी थी.......



Gandhiji with charkha



सोई थी जनता स्वीकार गुलामी थी
रो-रो कर सहती प्रताड़ना को
नियति मानती थी
जैसे कीलों के आसन पर ,
कोई कुत्ता पल पल रोता
जब चुभती कीलें उठ जाता
फिर थककर सोता
फिर बैठ वहीं, दुखकर
बस थोड़ा उठ जाता
पर कभी ना कोशिश करता
आसन से बाहर आने की ,
अपने भारत की भी कुछ,ऐसे ही कहानी थी
तब सोई थी जनता, स्वीकार गुलामी थी

गर रोष में आकर कोई 
आवाज उठा देता
दुश्मन से फिर अपना
सर्वस्व लुटा देता
इस डर से चुप सहना ही सबने ठानी थी
तब सोई थी जनता स्वीकार गुलामी थी।

बड़ी कोशिश से बापू ने
सोयों को जगाया था
आजादी का सपना 
फिर सबको दिखाया था
अंग्रेज चले जायेंं ,
फिर देश सम्भालेंगे
घर के लफड़े जो हैं ,
हम मिलकर निबटा लेंगे
मन में भावना ऐसी, बापू ने ठानी थी
जब सोयी थी जनता, स्वीकार गुलामी थी ।

दुश्मन तो हार गया !
अपनो ने हरा डाला
आजाद किया जिस देश को
टुकड़े में बदल डाला
विरोधी तत्वों की मिली भगत पुरानी थी
तब सोयी थी जनता स्वीकार गुलामी थी

भला किया जिनका
अपमान मिला उनसे
सीधे सच्चे बापू
धोखे मिले अपनो से
अब भी ना जाने क्या जनता ने ठानी थी
तब सोयी थी जनता स्वीकार गुलामी थी ।

काफी था बापू जो
कर चुके थे तब तक तो
सरकार ने सत्ता में सियासत जो निभानी थी
तब सोई थी जनता स्वीकार गुलामी थी

जो होना था सो हो गया,
बापू के हिस्से दोष गया
आजादी के बदले में बदनामी
अहिंसा के बदले में, हत्या
बचा-खुचा जो मान है जनता आज  मिटाती है
जन्म-दिवस पर उनकी जयन्ती ऐसे मनाती है  ?

आलोचक उनकी करनी में
पानी फेरे जाते हैं
जो खुद कुछ कर न सके
बापू को मिटाते हैं 
इतिहास बन गये जो ,उन्हें इतिहास ही रहने दो।
परकर्म बयां करते ,  निज कर्म तो मत भूलो।
ये आज तुम्हारा है,   तुम ही कुछ आज करो

इतिहास हो गये बापू,  उन्हें इतिहास ही रहने दो !!



टिप्पणियाँ

  1. ये आज तुम्हारा है , तुम ही आज कुछ करो
    इतिहास हो गये बापू , उन्हें इतिहास ही रहने दो ।

    जवाब देंहटाएं
  2. जो होना था सो हो गया,
    बापू के हिस्से दोष गया
    आजादी के बदले में बदनामी
    अहिंसा के बदले में, हत्या
    बचा-खुचा जो मान है जनता आज मिटाती है
    जन्म-दिवस पर उनकी जयन्ती ऐसे मनाती है ? सटीक प्रश्न उठाती आपकी ये रचना आज के लोगो को सोचने पर मजबूर करेगी । सार्थक सृजन के लिए बहुत शुभकामनाएं सुधा जी ।

    जवाब देंहटाएं

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