बुधवार, 5 अप्रैल 2017

शुक्रिया प्रभु का.......




join hands and pray


हम चलें एक कदम
फिर कदम दर कदम
यूँ कदम से कदम हम
फिर बढाते चले ।
जिन्दगी राह सी,और
चलना ही अगर मंजिल
नयी उम्मीद मन में जगाते रहें।
खुशियाँ मिले या गम
हम चले, हर कदम
शुकराने तेरे मन में गाते रहें।


डर भी है लाजिमी, इन राहों पर,
कहीं खाई है, तो कभी तूफान हैं ।
कभी राही मिले जाने-अनजाने से,
कहीं राहें बहुत ही सुनसान हैं ।
आशा उम्मीद के संग हो थोड़ा सब्र
साहस देना तो उसकी पहचान है ।
मन मेंं हर पल करे जो
शुकराना तेरा
मंजिलें पास लाना तेरा काम है ।
ये दुनिया तेरी, जिन्दगानी तेरी,
बस यूँ जीना सिखाना तेरा काम है ।

कभी चिलमिलाती उमस का कहर,
कभी शीत जीवन सिकुडाती सी है ।
कभी रात काली अमावश बनी,
कभी चाँद पूनम दे जाती जो है ।
न हो कोई शिकवा ,न कोई गिला
बस तेरे गुण ही यूँ गुनगुनाते रहें,
जीवन दर्शन जो दिया तूने,
शुकराने तेरे मन में गाते रहें ।
नयी उम्मीद मन में जगाते रहें ।

13 टिप्‍पणियां:

hindiguru ने कहा…

बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति

Meena Bhardwaj ने कहा…

ये दुनिया तेरी, जिन्दगानी तेरी,
बस यूँ जीना सिखाना तेरा काम है.....
बहुत सुन्दर विनती ...बहुत सुन्दर सृजन सुधा जी ।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद मीना जी!

Kamini Sinha ने कहा…


न हो कोई शिकवा ,न कोई गिला
बस तेरे गुण ही यूँ गुनगुनाते रहें,
जीवन दर्शन जो दिया तूने,
शुकराने तेरे मन में गाते रहें........
नयी उम्मीद मन में जगाते रहें....
बहुत सुंदर,प्रभु का शुकराना अदा करती हुई विनती,मगर सभी ऐसा नहीं करते उन्हें तो बस और की चाह होती है जो प्रभु ने दिया उसका शुक्रिया कभी नहीं करते। बेहतरीन अभिय्वक्ति सुधा जी,सादर नमन आपको

मन की वीणा ने कहा…

डर भी है लाजिमी, इन राहों पर,
कहीं खाई है, तो कभी तूफान हैं
कभी राही मिले जाने-अनजाने से,
कहीं राहें बहुत ही सुनसान हैं
वाह बहुत सुंदर गीत सुंदर भाव सुंदर शब्द संयोजन सुधा जी।

Sudha Devrani ने कहा…

जी कामिनी जी और की चाह में जो है उसका शुकराना नहीं करते...
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार उत्साहवर्धन हेतु।

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार कुसुम जी उत्साहवर्धन हेतु।

Kamini Sinha ने कहा…

सादर नमस्कार ,

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (5-4-22) को "शुक्रिया प्रभु का....."(चर्चा अंक 4391) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी मेरी रचना को चर्चा मंच के लिए चयन करने हेतु।

मन की वीणा ने कहा…

आज भी उतना ही प्रेरक ।
अप्रतिम सृजन।

रेणु ने कहा…

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति प्रिय सुधा जी।इन्सान का सबसे बड़ा गुण कृतज्ञता है,जो यदि उसमें ना हो तो वह इन्सान कहाने लायक हरगिज नहीं है।हम सब के लिए जीवन की जो भी व्यवस्थायें हैं उनमें ईश्वर का ही अनुग्रह है।उसी की इस व्यवस्था के अनुरुप हमारा जीवन गतिमान है।बहुत ही सरल और सहज शब्दों में ईश्वर का शुक्रिया अदा करने का आग्रह बहुत हृदयस्पर्शी है।सच में शुकराना उस अदृश्य शक्ति का जिसनें इतने सशक्त संबल प्रदान किये और जीवन के श्वेत श्याम रंगों से परिचय करवाया।हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई इस भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए 👌👌❤❤🌹🌹🙏

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार कुसुम जी!

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार रेणु जी सारगर्भित एवं अनमोल प्रतिक्रिया से रचना को सार्थकता प्रदान करने हेतु।

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