करते रहो प्रयास (दोहे)

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1. करते करते ही सदा, होता है अभ्यास ।     नित नूतन संकल्प से, करते रहो प्रयास।। 2. मन से कभी न हारना, करते रहो प्रयास ।   सपने होंगे पूर्ण सब, रखना मन में आस ।। 3. ठोकर से डरना नहीं, गिरकर उठते वीर ।   करते रहो प्रयास नित, रखना मन मे धीर ।। 4. पथबाधा को देखकर, होना नहीं उदास ।    सच्ची निष्ठा से सदा, करते रहो प्रयास ।। 5. प्रभु सुमिरन करके सदा, करते रहो प्रयास ।    सच्चे मन कोशिश करो, मंजिल आती पास ।। हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर उत्तराखंड में मधुमास (दोहे)

आई है बरसात (रोला छंद)

अनुभूति पत्रिका में प्रकाशित रोला छंद

Poem rola chhand

आया सावन मास,  झमाझम बरखा आई।

रिमझिम पड़े फुहार, चली शीतल पुरवाई।

भीनी सौंधी गंध, सनी माटी से आती।

गिरती तुहिन फुहार, सभी के मन को भाती ।।


गरजे नभ में मेघ, चमाचम बिजली चमके ।

झर- झर झरती बूँद, पात मुक्तामणि दमके ।

आई है बरसात,  घिरे हैं बादल काले ।

बरस रहे दिन रात, भरें हैं सब नद नाले ।।


रिमझिम पड़े फुहार, हवा चलती मतवाली ।

खिलने लगते फूल, महकती डाली डाली ।

आई है बरसात, घुमड़कर बादल आते ।

गिरि कानन में घूम, घूमकर जल बरसाते ।।


बारिश की बौछार , सुहानी सबको लगती ।

रिमझिम पड़े फुहार, उमस से राहत मिलती ।

बहती मंद बयार , हुई खुश धरती रानी ।

सजी धजी है आज, पहनकर चूनर धानी ।।


हार्दिक अभिनंदन आपका🙏

पढ़िए बरसात पर एक और रचना निम्न लिंक पर

● रिमझिम रिमझिम बरखा आई


टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुन्दर छंद हैं ... बरखा की बहार जारी है ...

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 04 अगस्त 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  3. 24 मात्राओं में इतनी खूबसूरती से प‍िरो द‍िया है आपने भावनाओं को ...वाह

    जवाब देंहटाएं

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