भ्रात की सजी कलाई (रोला छंद)

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सावन पावन मास , बहन है पीहर आई । राखी लाई साथ, भ्रात की सजी कलाई ।। टीका करती भाल, मधुर मिष्ठान खिलाती । देकर शुभ आशीष, बहन अतिशय हर्षाती ।। सावन का त्यौहार, बहन राखी ले आयी । अति पावन यह रीत, नेह से खूब निभाई ।। तिलक लगाकर माथ, मधुर मिष्ठान्न खिलाया । दिया प्रेम उपहार , भ्रात का मन हर्षाया ।। राखी का त्योहार, बहन है राह ताकती । थाल सजाकर आज, मुदित मन द्वार झाँकती ।। आया भाई द्वार, बहन अतिशय हर्षायी ।  बाँधी रेशम डोर, भ्रात की सजी कलाई ।। सादर अभिनंदन आपका 🙏 पढ़िए राखी पर मेरी एक और रचना निम्न लिंक पर जरा अलग सा अब की मैंने राखी पर्व मनाया  

रिमझिम रिमझिम बरखा आई

 

Savan rain

      चौपाई छंद


रिमझिम रिमझिम बरखा आई ।

धरती पर हरियाली छायी ।।

आतप से अब राहत पायी ।

पुलकित हो धरती मुस्काई ।।


खेतों में फसलें लहराती ।

पावस सबके मन को भाती ।।

भक्ति भाव में सब नर नारी ।

पूजें शिव शंकर त्रिपुरारी ।।


सावन में शिव वंदन करते ।

भोले कष्ट सभी के हरते ।।

बिल्वपत्र घृत दूध चढ़ाते ।

दान भक्ति से पुण्य कमाते ।।


काँवड़ ले काँवड़िये जाते ।

गंंगाजल सावन में लाते ।।

बम बम भोले का जयकारा ।

अंतस में करता उजियारा ।।


नारी सज धज तीज मनाती ।

कजरी लोकगीत हैं गाती ।।

धरती ओढ़े चूनर धानी ।

सावन रिमझिम बरसे पानी ।।



हार्दिक अभिनंदन आपका🙏🙏

पढिए मेरी एक और रचना निम्न लिंक पर

पावस में इस बार



टिप्पणियाँ

  1. वाह !!
    श्रावण मास की छटा बिखेरती सुन्दर चौपाई छंद रचना । सादर नमस्कार सुधा जी !

    जवाब देंहटाएं
  2. सावन रिमझिम बरसे पानी
    धरती ओढ़े चूनर धानी
    सुंदर
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 28 जुलाई 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  4. जय शिव शंकरा।
    सुंदर सहज अच्छी छंदबद्ध कविता। बधाइयां स्वीकार करें।

    जवाब देंहटाएं

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