बधाई शुभकामनाएं

चित्र
  आओ लौटें ब्लॉग पर, लेखन सुलेख कर एक दूसरे से फिर, वही मेल भाव हो । पंच लिंक का आनंद,मंच सजे सआनंद हर एक लिंक सार, पढ़ने का चाव हो । सम्मानित चर्चाकार, सम्भालें हैं कार्यभार स्थापना दिवस आज, पूरा हर ख़्वाव हो । शुभकामना अनेक, मंच फले अतिरेक ऐसे नेक कार्य हेतु, मन से लगाव हो । पंच लिंक की चौपाल, सजे यूँ ही सालों साल बधाई शुभकामना, शुद्ध मन भाव हो । मेरी एक और रचना निम्न लिंक पर 👇 ब्लॉग से मुलाकात.. बहुत समय के बाद  

"तन्हाई रास आने लगी"



girl taking selfie
वो तो पुरानी बातें थी
जब हम......
अकेलेपन से डरते थे
कोई न कोई साथ रहे
ऐसा सोचा करते थे
कभी तन्हा हुए तो 
टीवी चलाते,
रेडियो बजाते...
फिर भी चैन न आये तो
फोन करते,
दोस्तों को बुलाते.....
जाने क्यों तन्हाई से डरते थे
पर जब से मिले तुम..!!!
सब बदल सा गया,
बस तेरे ख्यालों में...
मन अटक सा गया..!!!
अब कोई साथ हो ,
तो वह खलता है
मन में बस तेरा ही
सपना पलता है...
सपनीली दुनिया में 
ख्वावों की मन्जिल है
उसमें हम तुम रहते
फिर तन्हा किसको कहते ?
अब तो घर के उस कोने में
मन अपना लगता है,
जहाँ न आये कोई बाधा 
ख्यालों में न हो खलल 
बस मैं और तुम.....
मेरे प्यारे मोबाइल!!!
आ तेरी नजर उतारूँ
अब तुझ पर ही मैं
अपना हर पल वारूँ.....
जब से तुझसे मन लगाने लगी
तब से....सच में.....
तन्हाई रास आने लगी......।
अब तो .......
कहाँ हैं...कैसे हैं ....कोई साथ है.....
कोई फर्क नहीं पड़ता....
रास्ता भटक गये!!!
तो भी नहीं कोई चिन्ता
बस तू और ये इन्टरनैट
साथ रहे ......
तो समझो सब कुछ सैट
अब तो बस .…......
तुझ पर ही मन लगाने लगी,
तब से..........सच में........
तन्हाई रास आने लगी......!!!!

टिप्पणियाँ

फ़ॉलोअर

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सम्भाले ना सम्भल रहे अब तूफानी जज़्बात

बहुत समय से बोझिल मन को इस दीवाली खोला

आओ बच्चों ! अबकी बारी होली अलग मनाते हैं