अब तुमको ही तम हरना होगा...
हवा का रुख भी है तूफानी, फिर भी
मेरे दीप तुम्हें जलना होगा !!!
मंदिम-मंदिम ही सही तुम्हें,
हर हाल में रोशन रहना होगा....
अब आशाएं बस तुमसे ही,
मेरे दीप तुम्हें जलना होगा !!!
तूफान सामने से गुजरे जब,
शय मिले जिधर लौ उधर झुकाना...
शुभ शान्त हवा के झोकों संग,
फिर हौले से तुम जगमगाना !!!
अब हार नहीं लाचार नहीं
हर तिमिर तुम्हेंं हरना होगा...
उम्मीदों की बाती बनकर,
मेरे दीप तुम्हें जलना होगा !!!
राहों में अंधेरापन इतना,गर
तुम ही नहीं तो कुछ भी नहीं....
मेरे दीप तुम्हें जलना होगा !!!
तूफान सामने से गुजरे जब,
शय मिले जिधर लौ उधर झुकाना...
शुभ शान्त हवा के झोकों संग,
फिर हौले से तुम जगमगाना !!!
अब हार नहीं लाचार नहीं
हर तिमिर तुम्हेंं हरना होगा...
उम्मीदों की बाती बनकर,
मेरे दीप तुम्हें जलना होगा !!!
राहों में अंधेरापन इतना,गर
तुम ही नहीं तो कुछ भी नहीं....
क्या पाया यों थककर हमने,
मंजिल न मिली तो कुछ भी नहीं !!!
हौसला निज मन में रखकर,
तूफ़ानों से अब लड़ना होगा ....
मन ज्योतिर्मय करने को
मेरे दीप तुम्हें जलना होगा !!!
जलने मिटने से क्या डरना,
नियति यही किस्मत भी यही....
रोशन हो जहांं कर्तव्य निभे,
अविजित तुमको रहना होगा !!!
अंधियारों में प्रज्वलित रहके
जग ज्योतिर्मय करना होगा
तूफानो में अविचलित रह के
अब ज्योतिपुंज बनना होगा
अब आशाएं बस तुमसे ही
मंजिल न मिली तो कुछ भी नहीं !!!
हौसला निज मन में रखकर,
तूफ़ानों से अब लड़ना होगा ....
मन ज्योतिर्मय करने को
मेरे दीप तुम्हें जलना होगा !!!
जलने मिटने से क्या डरना,
नियति यही किस्मत भी यही....
रोशन हो जहांं कर्तव्य निभे,
अविजित तुमको रहना होगा !!!
अंधियारों में प्रज्वलित रहके
जग ज्योतिर्मय करना होगा
तूफानो में अविचलित रह के
अब ज्योतिपुंज बनना होगा
अब आशाएं बस तुमसे ही
मेरे दीप तुम्हें जलना होगा !!!
11 टिप्पणियां:
आपकी लिखी रचना सोमवार. 31 जनवरी 2022 को
पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
हृदयतल से धन्यवाद आ.संगीता जी!मेरी इतनी पुरानी रचना को ढूँढ़कर मंच प्रदान करने हेतु।
सादर आभार।
हर दिल में आशा और दृढ़ता से आगे बढ़ने का विश्वास जगाती सुंदर सार्थक रचना सुधाजी।
आपकी रचनाओं में सुंदर सकारात्मक भाव सदा उत्कृष्ट होते हैं कोई प्रेरक संदेश लिए।
सुंदर सृजन।
पूर्ण विश्वास है कि यह दीप सदा जलता ही रहेगा। अति सुन्दर सृजन।
हौसला निज मन में रखकर,
तूफ़ानों से अब लड़ना होगा ....
मन ज्योतिर्मय करने को
मेरे दीप तुम्हें जलना होगा !!!
थके हारे मन में भी ओज का संचार करती अदभुत सृजन सुधा जी,सादर नमन आपको
दीपक से बहुत सुन्दर आग्रह और आह्वान प्रिय सुधा जी। दीपक जलता रहे तो अंधेरे की क्या बिसात कि वह किसी के जीवन को ढक परेशान करे। हार्दिक शुभकामनाएं इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए 🌷🌷💐💐
अति सुंदर सृजन सुधा जी।
सकारात्मकता का दीप सदैव तम की आखिरी बूँद को भी हरता रहे।
सस्नेह।
हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार आ.कुसुम जी!
तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी!
तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार रेणु जी!
जी, अत्यंत आभार एवं धन्यवाद श्वेता जी!
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