बीती ताहि बिसार दे

स्मृतियों का दामन थामें मन कभी-कभी अतीत के भीषण बियाबान में पहुँच जाता है और भटकने लगता है उसी तकलीफ के साथ जिससे वर्षो पहले उबर भी लिए । ये दुख की यादें कितनी ही देर तक मन में, और ध्यान में उतर कर उन बीतें दुखों के घावों की पपड़ियाँ खुरच -खुरच कर उस दर्द को पुनः ताजा करने लगती हैं। पता भी नहीं चलता कि यादों के झुरमुट में फंसे हम जाने - अनजाने ही उन दुखों का ध्यान कर रहे हैं जिनसे बड़ी बहादुरी से बहुत पहले निबट भी लिए । कहते हैं जो भी हम ध्यान करते हैं वही हमारे जीवन में घटित होता है और इस तरह हमारी ही नकारात्मक सोच और बीते दुखों का ध्यान करने के कारण हमारे वर्तमान के अच्छे खासे दिन भी फिरने लगते हैं । परंतु ये मन आज पर टिकता ही कहाँ है ! कल से इतना जुड़ा है कि चैन ही नहीं इसे । ये 'कल' एक उम्र में आने वाले कल (भविष्य) के सुनहरे सपने लेकर जब युवाओं के ध्यान मे सजता है तो बहुत कुछ करवा जाता है परंतु ढ़लती उम्र के साथ यादों के बहाने बीते कल (अतीत) में जाकर बीते कष्टों और नकारात्मक अनुभवों का आंकलन करने में लग जाता है । फिर खुद ही कई समस्याओं को न्यौता देने...
आनन्द आया रचना पढ़ .., प्राणायाम करते ,घूमते और बंक मारते आपकी कविता याद आया करेगी अब से ।बहुत उपयोगी संदेश के साथ मनमुग्ध करती कविता ।
जवाब देंहटाएंतहेदिल से धन्यवाद मीना जी !
हटाएंलोहड़ी एवं मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं ।
श्वासों की आवा-जाही पे,
जवाब देंहटाएंधरें जो थोड़ा ध्यान ।
दिल दिमाग को स्वस्थ बनाये,
अद्भुत प्राणायाम ।
आधुनिक युग के जिम चलन पर करारा व्यंग और आध्यात्म- प्राणायाम पर ध्यान आकर्षित करातीं बहुत ही सुन्दर सृजन सुधा जी,४०-५० साल के लोगों की हार्ट अटैक से मरने की बढ़ती संख्या ने चिंतित कर दिया है, समस्या दिमाग में है और ध्यान शरीर का रखा जा रहा है।🙏
सही कहा आपने कामिनी जी ! तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार ।
हटाएंलोहड़ी एवं मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं ।
अच्छी कविता. सादर अभिवादन
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आदरणीय !
हटाएंलोहड़ी एवं मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं ।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 14 जनवरी 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंतहेदिल से धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी मेरी रचना पाँच लिंकों के आनंद मंच के लिए चयन करने हेतु ।
हटाएंसही कहा
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार आ. ओंकार जी !
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार एव धन्यवाद आ.जोशी जी !
हटाएं