सोमवार, 6 जनवरी 2020

घर से निकलते ही......



poor people on streets


घर से निकलते ही
ठण्ड
 से ठिठुरते ही
दिखता है अपना शहर

कुछ भीगे भागे से
कुछ हैं अभागे से
सहते हैं ठंड का कहर

आसमां को तकते हैं
 दुआ फिर ये करते हैं
कुछ धूप आये नजर

घर से निकलते ही
ठंड से ठिठुरते ही
दिखता है अपना शहर


  
 'एक माँ'

पतली सी धोती में
शिशु को छुपाती वो
बेबस सी आयी नजर

बुझता अलाव उसका
फूंकनी से फूंके वो
रो - रो के करती बसर

"ये सर्द निकले तो
कुछ कर ही लूँगी मैं
सह ले लला ! इस पहर"

पतली सी धोती में
शिशु को छुपाती वो
बेबस सी आयी नजर....



' नन्हा छोटू '

खेलने की उमर में ही
डिलीवरी करता वह
सुबह-शाम यूँ घर-घर

सबके ही सामने यूँ
डपट दिया जाता वो
दिखता तो है बेफिकर

आँखें सब कहती हैंं
झुकी -झुकी रहती हैं
कितना बने वो वजर

खेलने की उमर में ही
डिलीवरी करता वो
सुबह-शाम यूँ घर-घर



'एक गरीब'

टूटे से सपने है
बदहाल अपने हैं
पर मन में आशा की लहर

कंपकंपाती शीत में वो
तार-तार वसन पहने
शीत-बाण से है बेफिकर

दिनभर कमरकस के
दिहाड़ी कमाता वो
करता गुजर 'औ' बसर

है मन में आशा की लहर।


                   चित्र साभार गूगल से....

35 टिप्‍पणियां:

विश्वमोहन ने कहा…

कंपकंपाती सर्द में संवेदना की आग झोंकती कविता। अद्भुत चित्र। सराहना से परे।

गोपेश मोहन जैसवाल ने कहा…

अभी तो उसे अपनी रात फुटपाथ में बितानी है
जहाँ, किसी सलमान की कार, उसके ऊपर चढ़ जानी है.

SUJATA PRIYE ने कहा…

बेहतरीन सृजन।बेहद खुबसुरत ।
संवेदना से परिपूर्ण

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह ...
बहुत कमाल की रचना ... और कमाल का टर्न ... घर से निकलते ही ...
जिंदगी की कठोर सच्चाइयों से जूझती जिंदगी का लाजवाब आंकलन है ये ताज़ा रचना ...
उम्दा ...

Sudha Devrani ने कहा…

आभारी हूँ विश्वमोहन जी!उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु....
हृदयतल से धन्यवाद आपका।

Sudha Devrani ने कहा…

जी, सही कहा आपने...
हृदयतल से धन्यवाद आपका
सादर आभार।

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद सुजाता जी!
सादर आभार।

Sudha Devrani ने कहा…

आभारी हूँ नासवा जी! आपकी सराहनीय प्रतिक्रिया हमेशा उत्साह द्विगुणित कर देती है
हृदयतल से धन्यवाद आपका।

शुभा ने कहा…

वाह!!बेहतरीन सृजन ।

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद शुभा जी !
सस्नेह आभार।

शैलेन्द्र थपलियाल ने कहा…

बहुत सुंदर रचना,ठण्ड और बेबसी का सुन्दर चित्रांकन।

Jyoti Dehliwal ने कहा…

जिंदगी की कड़वी सच्चाई व्यक्त करती बहुत ही सुंदर रचना, सुधा दी। ठंड में गरीबो को किन किन समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है इसका बहुत ही बढ़िया वर्णन।

Meena Bhardwaj ने कहा…

आम इन्सान के जीवन के संघर्ष को छूती नायाब रचना । अति सुन्दर सृजन ।

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 07 जनवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद ज्योति जी!
सस्नेह आभार...

Sudha Devrani ने कहा…

आभारी हूँ मीना जी!हार्दिक धन्यवाद आपका...

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी !
मेरी रचना को मंच में साझा करने हेतु...।

कविता रावत ने कहा…

बेवसी के मारे बहुत कुछ करना पड़ता है , जीना पड़ता है हर हाल में
बहुत सही मर्मस्पर्शी

Subodh Sinha ने कहा…

फुटपाती जलते अलाव से जैसे गरीबों की ठण्ड वाली कम्पन काफ़ूर हो जाती है ... वैसे ही आपकी रचना की मार्मिकता भी गाने (घर से निकलते ही ...) के तर्ज़ पर लयबद्ध पढ़ने पर लयबद्धता में घुलमिल सी जाती है ...

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद कविता जी !
सादर आभार...

Sudha Devrani ने कहा…

आभारी हूँ सुबोध जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका...

संजय भास्‍कर ने कहा…

पतली सी धोती में
शिशु को छुपाती वो
बेबस सी आयी नजर...कड़वी सच्चाई व्यक्त करती बहुत ही सुंदर रचना

Sudha Devrani ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद संजय जी !
सादर आभार...

मन की वीणा ने कहा…

चारों क्षणिकाएं बेमिसाल।
सभी में यथार्थ का हृदय स्पर्शी चित्ररत,
बहुत सुंदर सटीक सृजन सुधा जी ।

Anuradha chauhan ने कहा…

बहुत सुंदर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद अनुराधा जी !
सस्नेह आभार।

Sudha Devrani ने कहा…

आभारी हूँ कुसुम जी !हृदयतल से धन्यवाद आपका।

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

अद्धभुत लेखन

Sudha Devrani ने कहा…

आभारी हूँ आपकी तहेदिल से धन्यवाद उत्साह वर्धन हेतु....।

शुभा ने कहा…

वाह!सुधा जी ,बेहतरीन सृजन । यथार्थ को बहुत ही खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया है आपनेंं ।

Sudha Devrani ने कहा…

तहेदिल से धन्यवाद आ. शुभा जी!
सादर आभार।

गोपेश मोहन जैसवाल ने कहा…

वाह ! एक फ़िल्मी गाने की तर्ज़ पर ऐसे ख़ूबसूरत ख़यालात जो की पढ़ने वालों को सोचने को मजबूर करें !

Sudha Devrani ने कहा…

हृदयतल से धन्यवाद आदरणीय सर!
सादर आभार।

Bharti Das ने कहा…

वाह लाजबाव

Sudha Devrani ने कहा…

अत्यंत आभार एवं धन्यवाद भारती जी!

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