सैनिक, संत, किसान (दोहा मुक्तक)

सैनिक रक्षा करते देश की, सैनिक वीर जवान । लड़ते लड़ते देश हित, करते निज बलिदान । ओढ़ तिरंगा ले विदा, जाते अमर शहीद, नमन शहीदों को करे, सारा हिंदुस्तान ।। संत संत समागम कीजिए, मिटे तमस अज्ञान । राह सुगम होंगी सभी, मिले सत्य का ज्ञान । अमल करे उपदेश जो, होगा जीवन धन्य, मिले परम आनंद तब, खिले मनस उद्यान । किसान खून पसीना एक कर , खेती करे किसान । अन्न प्रदाता है वही, देना उसको मान । सहता मौसम मार वह, झेले कष्ट तमाम, उसके श्रम से पल रहा सारा हिंदुस्तान । सैनिक, संत, किसान 1) सीमा पर सैनिक खड़े, खेती करे किसान । संत शिरोमणि से सदा, मिलता सबको ज्ञान। गर्वित इन पर देश है , परहित जिनका ध्येय, वंदनीय हैं सर्वदा, सैनिक संत किसान ।। 2) सैनिक संत किसान से, गर्वित हिंदुस्तान । फर्ज निभाते है सदा, लिये हाथ में जान । रक्षण पोषण धर्म की, सेवा पर तैनात, करते उन्नति देश की, सदा बढ़ाते मान ।। हार्दिक अभिनंदन आपका 🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर ● मुक्...
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(०३ -११ -२०१९ ) को "कुलीन तंत्र की ओर बढ़ता भारत "(चर्चा अंक -३५०८ ) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
बहुत बहुत धन्यवाद अनीता जी !सहयोग और उत्साहवर्धन हेतु तहेदिल से आभार आपका...
जवाब देंहटाएंआज हर एक घर में एक बेरोजगार बैठा है बेरोजगारी इस कदर उन्हें धुन की तरह खा रही है कि कई बार वो कमजोर पड़ जाते हैं.. और गलत कदम उठा लेते हैं लेकिन वह क्या करें कब तक भागे अपनी जिम्मेदारियों से जीवन जीने के लिए पैसों की जरूरत तो पड़ेगी है और पढ़ लिख कर भी अगर नौकरी ना मिले तो बेरोजगारी का दर्द ,कुंठा एक युवा बेरोजगार ही जान सकता है ,..बहुत ही विषम विषय की और आपने ध्यान आकर्षित किया है.. अपनी संतुलित शब्दों के माध्यम से बेरोजगारी नामक मुद्दे को बहुत ही अच्छे ढंग से आपने कागज पर उतार दिया
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन करती सारगर्भित प्रतिक्रिया हेतु तहेदिल से आभार एवं धन्यवाद अनु जी !
जवाब देंहटाएंआपने बेरोजगारी का बहुत सही चित्रण किया है ,शब्द शब्द चीत्कार कर रही हैं ,बहुत ही मार्मिक अभिव्यक्ति ,सादर नमस्कार सुधा जी
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद कामिनी जी !
हटाएंसस्नेह आभार।
हार्दिक धन्यवाद, आ.यशोदा जी! मेरी पुरानी रचना को विशेषांक मे स्थान देने हेतु...
जवाब देंहटाएंसादर आभार।
वाह !एकदम सटीक ,सुधा जी ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद शुभा जी!
हटाएंसमाज का प्रत्यक्ष शब्दांकन आँखों के सामने.
जवाब देंहटाएंवाह ! बेहतरीन अभिव्यक्ति आदरणीय सुधा दीदी .
सादर
हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार अनीता जी!
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