हम फल नहीं खायेंगे
आज बाबा जब अपने लाये थोड़े से फलों को बार - बार देखकर बड़े जतन से टोकरी में रख रहे थे तब रीना ने अपने छोटे भाई रवि को बुलाकर धीमी आवाज में समझाया कि बाबा जब माँ को फल काटकर देंगे और माँ हमेशा की तरह हमें खिलायेगी तो हम फल नहीं खायेंगे ! सुनकर रवि बोला, "क्यों नहीं खायेंगे ? दीदी ! ऐसे तो माँ परेशान हो जायेगी न ! अगर परेशान होकर और बीमार हो गयी तो ? नहीं मुझे माँ को परेशान नहीं करना ! मैं तो चुपचाप खा लूँगा " । कहकर वो जाने लगा तो रीना ने उसकी कमीज पकड़कर उसे पास खींचा और फिर वैसी ही दबी आवाज में बोली, "अरे बुद्धू ! देखा नहीं , फल कित्ते कम हैं ! माँ बीमार है न, खाना भी नहीं खाती है, तो थोड़े फल ही खा लेगी न । समझा" ! तो वह मासूमियत से बोला, "क्या समझा ? इत्ते सारे तो हैं न ! हम सब मिलकर खा लेंगे । फिर बाबा और ले आयेंगे " । श्श्श...धीरे बोल ! सुन ! आज मैंने माँ - बाबा की बातें सुनी । वे दोनों पैसों की चिंता कर रहे थे । माँ की बीमारी को ठीक करने के लिए अभी बहुत सारे पैसे खर्च करने पड़ेंगे । तो बाबा अब ज्यादा फल नहीं ला पायेंगे ना ! इसीलिए हम फल नहीं खायेंगे