संदेश

अक्टूबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

करते रहो प्रयास (दोहे)

चित्र
1. करते करते ही सदा, होता है अभ्यास ।     नित नूतन संकल्प से, करते रहो प्रयास।। 2. मन से कभी न हारना, करते रहो प्रयास ।   सपने होंगे पूर्ण सब, रखना मन में आस ।। 3. ठोकर से डरना नहीं, गिरकर उठते वीर ।   करते रहो प्रयास नित, रखना मन मे धीर ।। 4. पथबाधा को देखकर, होना नहीं उदास ।    सच्ची निष्ठा से सदा, करते रहो प्रयास ।। 5. प्रभु सुमिरन करके सदा, करते रहो प्रयास ।    सच्चे मन कोशिश करो, मंजिल आती पास ।। हार्दिक अभिनंदन🙏 पढ़िए एक और रचना निम्न लिंक पर उत्तराखंड में मधुमास (दोहे)

माटी मेरे गाँव की मुझसे मिली रैबार लायी

चित्र
छ्वाया फूटे सौण - भादों , धार नदियों संग आई  माटी मेरे गाँव की मुझसे मिली रैबार लायी बोली मुझसे खुद लगीं बा  हो सके तो गाँव आ जा बीसीयों बीते मिले आ अब तो ये सूरत दिखा जा मटण्या पाणी, सौंधी खुशबू समलौण्या दुलार लायी माटी मेरे गाँव की मुझसे मिली रैबार लायी वो पहाड़ी धार वाली बोली द्या अब ना गिरेगी बाट चौड़े पक्के वाले  माट में अब ना सनेगी गाड़ी मोटर पों-पों करती अब तो हर इक ख्वाल आयी माटी मेरे गाँव की मुझसे मिली रैबार लायी म्याल ना लिपने पड़ेंगे चमचमाती फर्श बोली कूड़ी में लेंटर पड़े अब हुई चकमक रौली-खौली कम हुए हैं गोर-बाछी कार जब से ढ्यार आयी माटी मेरे गाँव की मुझसे मिली रैबार लायी ना पुरानी बात है अब  सार्यूं मा कुर्री की झाड़ी पुँगड़ी-पटली बाँझ हैं सब सूनी-सूनी हैं तिबारी पर घुघूती जब बासूति  तब पुरानी याद आयी माटी मेरे गाँव की मुझसे मिली रैबार लायी । हाँ पुराने दिन यहाँ  खेतों में फसलें हरहराती कोदो लौ ती बेटी ब्वारी  झंगोरे की बात आती स्यार में सट्टी थे पकते  उरख्यली चूड़ा कुटायी माटी मेरे गाँव की मुझसे मिली रैबार लायी दे दनादन फसल पकती  बाद...

फ़ॉलोअर