"नववर्ष मंगलमय हो"
शुभकामनाएं हैं हमारी।
मंगलमय जीवन हो सबका,
प्रेममय दुनिया हो सारी।
हवा सुखमय मधुर महके,
हरितिमा अपनी धरा हो।
खुशनुमा आकाश अपना,
स्वर्ग सा संसार हो।
नववर्ष ऐसा मंगलमय हो।
आशाओं के अबुझ दीपक,
अब जले हर इक सदन में।
उम्मीदों की किरण लेकर,
रवि आना तुम प्रत्येक मन में।
ज्योतिर्मय हर -इक भुवन हो
नववर्ष ऐसा मंगलमय हो।
मनोबल यों उठे ऊँचा,
अडिग विश्वास हो मन में।
अंत:करण प्रकाशित हो सबका,
ऊर्ध्वमुखी जीवन हो।
"सुप्त देवत्व" जगे मनुज का,
"सुप्त देवत्व" जगे मनुज का,
देवशक्ति प्रबल हो,
नववर्ष ऐसा मंगलमय हो।
अनीति मुँह छिपा जाए,
प्रबलता नीति में आये।
श्रेष्ठ चिन्तन आचरण से,
विश्व की गरिमा बढाएं,
गरिमामय जग हो
नववर्ष मंगलमय हो।
टिप्पणियाँ
पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
व्यथा क्लेश छय हो
नवभोर नयनों में खिले
खुशियाँ ही अक्षय हो
-----
अति सुंदर सकारात्मकता से भरी और भावपूर्ण अभिव्यक्ति सुधा जी।
सस्नेह।
बहुत सुंदर पोस्ट सुधाजी आज ऐसी ही मंगल मनोकामनाओं की आवश्यकता है,जो फलिभूत हो।
सुंदर सृजन।
अडिग विश्वास हो मन में।
अंत:करण प्रकाशित हो सबका,
ऊर्ध्वमुखी जीवन हो।
"सुप्त देवत्व" जगे मनुज का,
देवशक्ति प्रबल हो,
नववर्ष ऐसा मंगलमय हो।
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति प्रिय सुधा जी सभी जगह मंगल हो तभी नववर्ष मग्ल्कारी हो सकता है | आपकी प्रार्थना में एक स्वर मेरा भी | हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई | नववर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं |
आभार...