इकतरफा प्रेम यूँ करना क्या ?.
बेरुखी उसकी स्वीकार तुझे,
फिर घुट-घुट जीवन जीना क्या ?
हर पल उसकी ही यादों में,
फिर घुट-घुट जीवन जीना क्या ?
हर पल उसकी ही यादों में,
गमगीन तेरा यूँ रहना क्या ?
तेरा छुप-छुप आँँसू पीना क्या ?
उसके आते ही तेरी नजर,
बस उसमें थम जाती है ।
बस उसमें थम जाती है ।
धड़कन भी बढ़ जाती है,
आँखों में चमक आ जाती है।
आँखों में चमक आ जाती है।
तू साथ चाहता क्यों उसका,
वो तुझसे कोसों दूर खड़ा ?
वो तुझसे कोसों दूर खड़ा ?
जब उसको ये मंजूर नहीं,
इकतरफा प्रेम यूँ करना क्या ?
इकतरफा प्रेम यूँ करना क्या ?
उसकी राहें भी तुझसे जुदा,
मंजिल उसकी कहीं और ही है,
मंजिल उसकी कहीं और ही है,
नहीं हो सकता तेरा उसका मिलन,
दिल में उसके कुछ और ही है।
दिल में उसके कुछ और ही है।
वो चाँद आसमां का ठहरा,
चकोर सा तेरा तड़पना क्या ?
चकोर सा तेरा तड़पना क्या ?
फिर मन ही मन यूँ जलना क्या,
इकतरफा प्रेम यूँ करना क्या ?
जीवन तेरा भी अनमोल यहाँ,
तेरे चाहने वाले और भी हैं।
इकतरफा सोच से निकल जरा,
तेरे दुख से दुखी तेरे और भी हैं।
वीरान पड़ी राहों में तेरा.
इकतरफा प्रेम यूँ करना क्या ?
जीवन तेरा भी अनमोल यहाँ,
तेरे चाहने वाले और भी हैं।
इकतरफा सोच से निकल जरा,
तेरे दुख से दुखी तेरे और भी हैं।
वीरान पड़ी राहों में तेरा.
यूँ फिर-फिर आगे बढ़ना क्या ?
इकतरफा प्रेम यूँ करना क्या ?
फिर मन ही मन यूँ जलना क्या ?
इकतरफा प्रेम यूँ करना क्या ?
फिर मन ही मन यूँ जलना क्या ?
टिप्पणियाँ
पाँच लिंकों का आनन्द परआप भी आइएगा....धन्यवाद!
सार्थक सृजन ।
चकोर सा तेरा तड़पना क्या ?
फिर मन ही मन यूँ जलना क्या,
इकतरफा प्रेम यूँ करना क्या ?
इकतरफा प्यार का भी अपना ही आनंद है सुधा जी ☺️ इसमें किसी और के होने की जरूरत जो नहीं है। ये तो मज़ाक था, इस लाजबाव सृजन तक लाने के लिए यशोदा दी को हृदयतल से धन्यवाद 🙏
एकतरफा प्रेम सदैव ही किसी के लिए बहुत दुखद रहता है। पर यदि इन्सान बस यही सोचकर प्रेम करना छोड़ दे तो उसका प्रेम बहुत हल्का है। एक संवेदनशील मन के लिए प्रेम प्राप्य हो या प्राप्य, बहुत अनमोल होता है।। अपनी तरह की इस मार्मिक अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई आपको।❤
काश ! कोई उस पगली को समझाए तो,
पोंछ दे आँसू उसके
कस सीने से उसे लगाये तो !
कैसे लौट वो अब आयेगा,
जो था बस एक रात का सपना!
लाख बाँधती उसको आँचल से
वो था नहीं कभी भी अपना!
होगा कहीं किसी राजकुमार -सा
जो चढ़ घोड़े पर आयेगा!
सूनी तितलियों में पलकों की
रंग सुनहरी भर जाएगा!
बैठ किसी कोने में तनिक सा,
सपनों के साज सजाये तो !
अभी शेष बड़े रंग जीवन के
सोच ज़रा मुस्काए तो!!
🙏❤
हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार ।
दिल से धन्यवाद एवं आभार आपका ।
मेरी रचना पर आपकी भावाभिव्यक्ति की ये अनमोल पंक्तियां पाकर अभिभूत हूँ मैं ।जिसके लिए आभार शब्द बहुत कम है ।
बस ढ़ेर सारा स्नेह ❤️❤️