ध्वज तिरंगा हाथ लेकर....

Indian flag


ध्वज तिरंगा हाथ लेकर,
      इक हवा फिर से बहेगी
देश की वैदिक कथा को
     विश्व भर में फिर कहेगी

है सनातन धर्म अपना,
      देश की गरिमा बढ़ाता।
वेद में ब्रह्मांड पढ़कर
    विज्ञान भी है मात खाता।
श्रेष्ठ चिन्तन आचरण की,
     भावना  मन में   बढ़ेगी ।
ध्वज तिरंगा हाथ लेकर,
      इक हवा फिर से बहेगी ।

व्यथित होंगे जन तन मन से,
          सूझेगा न जब उपचार दूजा ।
आज जो अनभिज्ञ हमसे,
          कल  करेंगे  हवन  पूजा ।
शुद्ध इस वातावरण से,
         एक खुशबू फिर बढ़ेगी ।
ध्वज तिरंगा हाथ लेकर,
       इक हवा फिर से बहेगी ।


विश्वगुरू बन देश अपना,
       पद पे फिर आसीन होगा ।
योग और संयोग के बल,
      क्रांति नव संदेश देगा ।
वसुधैव कुटुम्बकम की,
         भावना फिर से फलेगी।
ध्वज तिरंगा हाथ लेकर ,
      इक हवा फिर से बहेगी ।

                     चित्र साभार गूगल से....

टिप्पणियाँ

~Sudha Singh vyaghr~ ने कहा…
बहुत सुन्दर सकारात्मक संदेश देती उर्जावान काव्य रचना. 👏 👏 👏
शुभा ने कहा…
वाह!!बेहतरीन रचना सुधा जी ।
जरूर बनेगा विश्व गुरु 🙏🙏
बहुत सुन्दर रचना, बधाई.
Anuradha chauhan ने कहा…
वाह बेहतरीन
Ritu asooja rishikesh ने कहा…
बहुत सुंदर सकारात्मक ऊर्जा देती रचना
VenuS "ज़ोया" ने कहा…
बहुत सुन्दर रचना, बधाई.
Onkar ने कहा…
सुन्दर प्रस्तुति
Jyoti Dehliwal ने कहा…
सकारात्मक संदेश देती बहुत सुंदर रचना।
Sudha Devrani ने कहा…
आभारी हूँ सुधा जी !बहुत बहुत धन्यवाद आपका.....।
Sudha Devrani ने कहा…
जी शुभा जी !हृदयतल से आभार एवं धन्यवाद आपका।
Sudha Devrani ने कहा…
सहृदय धन्यवाद अनीता जी !मेरी रचना साझा करने हेतु....।
अत्यंत आभार।
Sudha Devrani ने कहा…
हृदयतल से धन्यवाद जेन्नी शबनम जी!
अत्यंत आभार।
Sudha Devrani ने कहा…
सहृदय धन्यवाद सखी !
सस्नेह आभार।
Sudha Devrani ने कहा…
हृदयतल से धन्यवाद रितु जी !
सस्नेह आभार।
Sudha Devrani ने कहा…
आभारी हूँ जोया जी !
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
Sudha Devrani ने कहा…
हार्दिक धन्यवाद, ओंकार जी !
सादर आभार।
Sudha Devrani ने कहा…
बहुत बहुत धन्यवाद ज्योति जी !
सस्नेह आभार आपका।
विश्वमोहन ने कहा…
बहुत सुंदर, सरस और सकारात्मक रचना। बधाई और आभार!!!
Sudha Devrani ने कहा…
हार्दिक धन्यवाद विश्वमोहन जी ! उत्साहवर्धन हेतु...।
सादर आभार।
Kamini Sinha ने कहा…

विश्वगुरू बन देश अपना,
पद पे फिर आसीन होगा ।
योग और संयोग के बल,
नवक्रांति का संदेश देगा ।

बहुत खूब ,आपकी ये सोच सिर्फ एक आस या संदेश नहीं हैं ये यथार्थ होकर रहेगा ,भारत के जिन वैदिक कर्मकाण्डों को हम भारतवासियो ने ही नाकर दिया था उसे फिर से पुरे मान के साथ हमें अपनाना ही होगा ,बहुत ही लाज़बाब सृजन सुधा जी ,सादर नमन आपको
Sudha Devrani ने कहा…
आभारी हूँ कामिनी जी आपकी अनमोल प्रतिक्रिया हेतु...हृदयतल से धन्यवाद आपका।
सकारात्मक संदेश देती रचना...ऐसी रचनाओं से ऊर्जा मिलती है
Sudha Devrani ने कहा…
अत्यंत आभार संजय जी !
आमीन ...
जो आप कह रही हैं काश ऐसा समय हम सब जीते जी ही देख सकें ...
देश का पुनः निर्माण जरूरी है ... तिरंगे का मान जरूरी है ... बहत ही सुन्दर ओजस्वी शब्दों से लाजवाब रचना का सृजन ....
Sudha Devrani ने कहा…
हार्दिक धन्यवाद नासवा जी! उत्साहवर्धन हेतु...
सादर आभार।
सुन्दर सृजन। आमीन।
Meena Bhardwaj ने कहा…
बहुत सकारात्मक और ऊर्जावान सृजन सुधा जी ।
Sudha Devrani ने कहा…
हार्दिक धन्यवाद जोशी जी !
सादर आभार।
Sudha Devrani ने कहा…
आभारी हूँ मीना जी ! बहुत बहुत धन्यवाद आपका।

फ़ॉलोअर

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ज़िन्दगी ! समझा तुझे तो मुस्कराना आ गया

वह प्रेम निभाया करता था....

बिना आपके भला जिंदगी कहाँ सँवरती