भ्रात की सजी कलाई (रोला छंद)

चित्र
सावन पावन मास , बहन है पीहर आई । राखी लाई साथ, भ्रात की सजी कलाई ।। टीका करती भाल, मधुर मिष्ठान खिलाती । देकर शुभ आशीष, बहन अतिशय हर्षाती ।। सावन का त्यौहार, बहन राखी ले आयी । अति पावन यह रीत, नेह से खूब निभाई ।। तिलक लगाकर माथ, मधुर मिष्ठान्न खिलाया । दिया प्रेम उपहार , भ्रात का मन हर्षाया ।। राखी का त्योहार, बहन है राह ताकती । थाल सजाकर आज, मुदित मन द्वार झाँकती ।। आया भाई द्वार, बहन अतिशय हर्षायी ।  बाँधी रेशम डोर, भ्रात की सजी कलाई ।। सादर अभिनंदन आपका 🙏 पढ़िए राखी पर मेरी एक और रचना निम्न लिंक पर जरा अलग सा अब की मैंने राखी पर्व मनाया  

मिन्नी और नन्हीं तितली



pretty girl with a butterfly in her hand
                         चित्र : साभार गूगल से

कम्प्यूटर गेम नहीं मिलने पर
मिन्नी बहुत बहुत रोई...
गुस्से से  लाल होकर वह
घर से बाहर चली गयी....
घर नहीं आउंगी चाहे जो हो,
ऐसा सोच के ऐंठ गयी,
पार्क में जाकर कुछ बड़बड़ाकर
वहीं बैंच पर बैठ गयी ।

रंग बिरंगे पंखो वाली
इक नन्हींं सी तितली आयी
पास के फूलों में वह बैठी,
कभी दूर जा मंडरायी...
नाजुक रंग बिरंगी पंखों को
खोल - बन्द कर इतरायी
थोड़ी दूर गई पल में वह
अपनी सखियों को लायी....
भाँति-भाँति की सुन्दर तितलियां
मिन्नी के मन को भायी ।

भूली मिन्नी रोना धोना,
तितली के संग संग खेली
कली फूल तितली से खुश,
वह अब कम्प्यूटर गेम भूली
मनभाते सुन्दर फूल देख,
मिन्नी खुश हो खिलखिलाई
तितली सी मंडराई वह खेली,
गालों में लाली छायी ।

साँझ हुई तो सभी तितलियाँ
दूर देश को चली गयी.....
कल फिर आना,मिलक़र खेलेंगे
बोली और ओझल हो गयी ।
खुशी-खुशी और सही समय पर
मिन्नी वापस घर आयी.....
तरो-ताजा और भली लगती थी
लाड़-प्यार सबका पायी ।

रात सुहाने सपनों में बीती
परी लोक की परियों संग...
तितलियों के संग उड़ी वह
रंगीले थे उसके भी पंख ।
भोर हुई तो जल्दी जगकर,
सभी काम वह निबटायी....
गयी विद्यालय सखियों को भी
कल की बातें बतलायी ।

घर आकर झट कुछ खा-पीकर
फट गृहकार्य वह निबटाई  ...
बाकी सखियाँ सही समय पर
मिन्नी के घर पर आई....
पार्क गये सब खुशी -खुशी
तितलियों के संग-संग दौड़े.....
खुली हवा में खेले - कूदे,
कम्प्यूटर गेम सबने छोड़े ।
प्रकृति का सानिध्य मिला
स्वस्थता तन मन में आयी....
नेत्रज्योति भी हुई सुरक्षित
विलक्षण बुद्धि सब ने पायी ।।





टिप्पणियाँ

  1. प्रेरक, बाल कविताएं अगर सार्थक और प्रेरणा दायक हो तो बच्चों के निर्माण में सहायक होती है।
    पाठ्यक्रम में चयन होने सी उपयोगी कविता।
    सुधा जी हृदय से साधुवाद आगे भी यह नेक कार्य आपकी लेखनी करती रहे।
    सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार आ.कुसुम जी अनमोल प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन करने हेतु।

      हटाएं

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