जिम एरोबिक एक्सरसाइज, तन को स्वस्थ बनाते । हेल्दी-वेल्थी तो कहते सब , मन की सोच ना पाते । हर चौथे दिन बंक मारते, मन नहीं जिम जाने का । हेल्दी वेल्थी छोड़ - छाड़, मन जंक फूड खाने का । हास्य-आसन मे 'हा-हा' करते, मूड नहीं खुश रहता । सब कुछ होकर भी नाखुश से, मन खाली सा रहता । कुछ भी नहीं 'मन' पर मालिक बन, अपना रौब दिखाता । कभी उछलता बच्चों सा बन कभी ये रुग्ण बनाता । गौर करें आओ इस मन पर, मन है बड़ा अलबेला ! कभी हँसाता कभी रुलाता, खेले अद्भुत खेला । चेतन, अवचेतन ,अचेतन, भेद हैं इसके ऐसे । आधिपत्य हो जिसका इनपे, शासक स्व का जैसे । 'स्व-राज' तन-मन पर जिसका, मति एकाग्र कर पाता । हेल्दी-वेल्थी और वाइज बन, जीवन सफल बनाता । समझें तो 'मन' समझ ना आता, करें तो है आसान । एक्सरसाइज करते ही हैं, बाद करें कुछ ध्यान । श्वासों की आवा-जाही पे, धरें जो थोड़ा ध्यान । दिल दिमाग को स्वस्थ बनाये, अद्भुत प्राणायाम । करें भ्रामरी और भस्त्रिका, फिर अनुलोम-विलोम । पुनः कपालभाति यदि करते, पुलकित हो हर रोम । ओम(ऊँ) शब्द के उच्चारण से, होती मन की शुद्धि । हृदय ज्ञान की ज्योति है जलती, मिले...