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सितंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मन की उलझनें

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बेटे की नौकरी अच्छी कम्पनी में लगी तो शर्मा दम्पति खुशी से फूले नहीं समा रहे थे,परन्तु साथ ही उसके घर से दूर चले जाने से दुःखी भी थे । उन्हें हर पल उसकी ही चिंता लगी रहती ।  बार-बार उसे फोन करते और तमाम नसीहतें देते । उसके जाने के बाद उन्हें लगता जैसे अब उनके पास कोई काम ही नहीं बचा, और उधर बेटा अपनी नयी दुनिया में मस्त था ।   पहली ही सुबह वह देर से सोकर उठा और मोबाइल चैक किया तो देखा कि घर से इतने सारे मिस्ड कॉल्स! "क्या पापा ! आप भी न ! सुबह-सुबह इत्ते फोन कौन करता है" ? कॉलबैक करके बोला , तो शर्मा जी बोले, "बेटा ! इत्ती देर तक कौन सोता है ? अब तुम्हारी मम्मी थोड़े ना है वहाँ पर तुम्हारे साथ, जो तुम्हें सब तैयार मिले ! बताओ कब क्या करोगे तुम ?  लेट हो जायेगी ऑफिस के लिए" ! "डोंट वरी पापा ! ऑफिस  बारह बजे बाद शुरू होना है । और रात बारह बजे से भी लेट तक जगा था मैं ! फिर जल्दी कैसे उठता"? "अच्छा ! तो फिर हमेशा ऐसे ही चलेगा" ? पापा की आवाज में चिंता थी । "हाँ पापा ! जानते हो न कम्पनी यूएस"... "हाँ हाँ समझ गया बेटा ! चल अब जल्दी से अपन...

गणपति वंदना

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  जय जय जय गणराज गजानन गौरी सुत , शंकर नंदन । प्रथम पूज्य तुम मंगलकारी करते हम करबद्ध वंदन । मूस सवारी गजमुखधारी मस्तक सोहे रोली चंदन । भावसुमन अर्पित करते हम हर लो प्रभु जग के क्रंदन । सिद्धि विनायक हे गणनायक  विघ्नहरण मंगलकर्ता । एकदंत प्रभु दयावंत तुम करो दया संकटहर्ता । चौदह लोक त्रिभुवन के स्वामी रिद्धि सिद्धि दातार प्रभु  ! बुद्धि प्रदाता, देव एकाक्षर भरो बुद्धि भंडार प्रभु  ! शिव गिरिजा सुत लम्बोदर प्रभु कोटि-कोटि प्रणाम सदा । श्रीपति श्री अवनीश चतुर्भुज  विरजें मन के धाम सदा।

मिला कुण्डली ब्याहते

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मिला कुण्डली ब्याहते, ग्रह गुण मेल आधार । अजनबी दो एक बन, बसे नया घर - बार । निकले दिन हफ्ते गये,  गये मास फिर साल । कुछ के दिल मिल ही गये, कुछ का खस्ता हाल। दिल मिल महकी जिंदगी, घर आँगन गुलजार । जोड़ी जो बेमेल सी, जीवन उनका भार । कुछ इकतरफा प्रेम से, सींचे निज संसार । साथी से मिलता नहीं, इक कतरा भी प्यार । कुछ को बिछड़े प्रेम का, गहराया उन्माद । जीवन आगे बढ़ रहा, ठहरे यादों साथ। साथी में ढूँढ़े सदा, अपना वाला प्यार। गुण उसके दिखते नहीं, करते व्यर्थ प्रहार । अनदेखा कर आज को, बीती का कर ध्यान । सुख समृद्धि विहीन ये, जीवन नरक समान ।

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