बी पॉजिटिव

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  "ओह ! कम ऑन मम्मा ! अब आप फिर से मत कहना अपना वही 'बी पॉजिटिव' ! कुछ भी पॉजिटिव नहीं होता हमारे पॉजिटिव सोचने से ! ऐसे टॉक्सिक लोगों के साथ इतने नैगेटिव एनवायरनमेंट में कैसे पॉजिटिव रहें ?   कैसे पॉजिटिव सोचें जब आस-पास इतनी नेगेटिविटी हो ?.. मम्मा ! कैसे और कब तक पॉजिटिव रह सकते हैं ? और कोशिश कर भी ली न तो भी कुछ भी पॉजिटिव नहीं होने वाला !  बस भ्रम में रहो ! क्या ही फायदा ? अंकुर झुंझलाहट और  बैचेनी के साथ आँगन में इधर से उधर चक्कर काटते हुए बोल रहा था ।  वहीं आँगन में रखी स्प्रे बोतल को उठाकर माँ गमले में लगे स्नेक प्लांट की पत्तियों पर जमी धूल पर पानी का छिड़काव करते हुए बोली, "ये देख कितनी सारी धूल जम जाती है न इन पौधों पर । बेचारे इस धूल से तब तक तो धूमिल ही रहते है जब तक धूल झड़ ना जाय" ।   माँ की बातें सुनकर अंकुर और झुंझला गया और मन ही मन सोचने लगा कि देखो न माँ भी मेरी परेशानी पर गौर ना करके प्लांट की बातें कर रही हैं ।   फिर भी माँ का मन रखने के लिए अनमने से उनके पास जाकर देखने लगा , मधुर स्मित लिए माँ ने बड़े प्यार से कहा "ये देख ...

सुख-दुख


sun behind trees


   दुख एक फर्ज है,
फर्ज तो है एहसान नहीं ।
  फर्ज है हमारे सर पर,
कोई भिक्षा या दान नहीं ।

 दुख सहना किस्मत के खातिर,
कुछ सुख आता पर दुख आना फिर ।
 दुख सहना किस्मत के खातिर ।

    दुख ही तो है सच्चा साथी
सुख तो अल्प समय को आता है ।
    मानव जब तन्हा  रहता है,
दुख ही तो साथ निभाता है ।

फिर दुख से यूँ घबराना क्या ?
सुख- दुख में भेद  बनाना क्या ?
जीवन है तो सुख -दुख भी हैं,
ख्वाबों मे सुख यूँ सजाना क्या ?

एक  सिक्के के ही ये दो पहलू
सुख तो अभिलाषा में अटका
दुख में अटकलें लगाना क्या ?

 मानव रूपी अभिनेता हम
सुख-दुख अपने किरदार हुए. ।
जो मिला सहज स्वीकार करें 
सुख- दुख में हम इकसार बने ।

टिप्पणियाँ

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 14 दिसम्बर 2022 को साझा की गयी है...
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. मानव रूपी अभिनेता हम
    सुख-दुख अपने किरदार हुए. ।
    जो मिला सहज स्वीकार करें
    सुख- दुख में हम इकसार बने ।

    बहुत ही मुश्किल होता है इस बात को स्वीकार करना, यदि कर लिया तो जीवन सहज ना हो जाए। हृदय स्पर्शी सृजन सुधा जी 🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी, कामिनी जी सही कहा कि यदि कर लिया तो जीवन सहज हो जाय ।
      अत्यंत आभार एवं धन्यवाद आपका ।

      हटाएं
  3. सुख और दुख के समन्वय को दर्शाता सुंदर सृजन।

    जवाब देंहटाएं

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